दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम को लेकर दिल्ली सरकार भले ही प्रदूषण के विरूद्ध–युद्ध अभियान चलाये हुये है। जिसके तहत जगह-जगह रेड लाईट पर प्रदूषण के विरूद्ध पोस्टर लेकर कुछ लड़के बैनर लेकर खड़े है जिसपर लिखा है, “रेड लाईन आँन तो गाड़ी आँफ”। लेकिन इस सबका जनता पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है।
“रेड लाईन आँन तो गाड़ी आँफ” अभियान के बावजूद लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। इसपर दिल्ली की जनता का कहना है कि, सरकार दिखावे के तौर पर राजनीति कर रही है। जिस कारण सरकार प्रदूषण को कम करने में नाकाम है।
जहां एक तरफ सड़कों और कूड़ा घरों में जहां-तहां कूड़ा जलाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ फैक्ट्रियों से जहरीला धुआं भी निकलने के साथ-साथ पराली जलाने से भी दिल्ली की हवा दूषित हो रही है।
पर्यावरण विशेषज्ञ जयदेव गिरी का कहना है कि, कारों बसों या मोटर साईकिल से जो प्रदूषण फैलता है उससे कई अधिक गुना तो पराली , सड़को में जगह –जगह कूड़े के जलाये जाने से प्रदूषण फैलता है जो शरीर के हर अंग को डैमेज करता है। इसलिये सरकार को चाहिये इन मुख्य प्रदूषणों को बंद करवाये ताकि प्रदूषण से मुक्ति मिल सकें। अन्यथा प्रदूषण के विरूध चल रहे युद्ध अभियान को पलीता लग सकता है।