केन्द्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, संघ विचारक और समाजसेवी नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) और असम के प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने की घोषणा की है।
मोदी सरकार की इस घोषणा के बाद प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने कहा है कि ये उनके लिए बेहद खुशी की बात है कि उनके पिता के काम को देश ने सम्मान दिया है। ”सरकार ने राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर ये फैसला किया है।” प्रणब मुखर्जी ने ट्वीट कर इस सम्मान के लिए सभी का आभार जताया है। मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने देश को जितना दिया है, उससे ज्यादा उन्हें मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी तीनों शख्सियतों को भारत रत्न मिलने पर प्रतिक्रिया दी है। मोदी ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी अपने समय के बेहतरीन व्यक्तित्व हैं। मुखर्जी २५ जुलाई, २०१२ को राष्ट्रपति बने और २५ जुलाई, २०१७ तक इस पद पर रहे। कांग्रेस के अग्रिम कतार के नेताओं में गिने जाने वाले मुखर्जी पिछले साल आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर भी सुर्खियों में रहे।
उधर ११ अक्टूबर, १९१६ को जन्मे नानाजी देशमुख का २७ फरवरी, २०१० को निधन हो गया। वह समाजसेवी और भारतीय जनसंघ के नेता थे। वाजपेयी सरकार के समय उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। साल १९४० में डॉ. हेडगेवार के निधन के बाद नानाजी ने संघ की शाखाओं से जुड़ने के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
भूपेन हजारिका खुद गीत लिखते थे, संगीत देते थे और उसे गाते भी थे। आठ दिसंबर १९२६ को असम में जन्मे भूपेन हजारिका का पांच नवंबर २०११ में निधन हो गया था। हजारिका के गीतों ने लाखों को दीवाना बनाया और उनकी जादुई आवाज दिल को छू जाती थी। ”ओ गंगा तू बहती क्यों है” और ”दिल हूम हूम करे” जैसे गीतों ने हजारिका को अमर बना दिया।