राजस्थान कांग्रेस के संकट के बीच पार्टी ने मंगलवार को घोषणा की कि भाजपा के साथ मिलकर गहलोत सरकार गिराने का षडयंत्र रचने और उन्हें समझाने के बावजूद सरकार गिराने की कोशिश करने के आरोप में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, दो मंत्रियों विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सचिन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। गोबिंद सिंह डोटासरा को नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। हेम सिंह शेखावत सेवा दल का अध्यक्ष बनाया गया है। पॉयलट को हालांकि, अभी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से नहीं हटाया गया है।
एक साझी प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और आलाकमान के दूतों रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने इसका ऐलान किया। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने एक षड्यंत्र करके पूर्ण बहुमत से चुनी सरकार को गिराने की कोशिश की है। ईडी और आयकर विभाग के जरिये सरकारी इदारों का केंद्र की भाजपा सरकार ने गहलोत सरकार को कमजोर करने का षड्यंत्र रचा।
विधायक दल की बैठक में यह सारे फैसले किये गए और एक प्रस्ताव पास किया गया। गहलोत खेमे ने दावा किया है उसके पास बहुमत है और सरकार को कोई खतरा नहीं है। अब देखना है कि सचिन पायलट क्या फैसला करते हैं उनके गुट के ज्यादातर विधायक किसी भी सूरत में भाजपा में नहीं जाना चाहते हैं। ऐसे में संभावना है कि पॉयलट क्षेत्रीय दल या किसान मोर्चा जैसे कोई संगठन बनाने का ऐलान करें।
तीन दिन से चल रहे घटनाक्रम के बाद यह नतीजा निकला है। बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पूरी ताकत कांग्रेस के सरकार बनाने के लिए झौंक देने वाले सचिन पायलट को ऐसे कांग्रेस से जाना पडेगा, शायद इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।