साल २०१२ में बनाये गए पॉक्सो एक्ट को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। इस एक्ट में दोषी पाए जाने पर अब मौत की सजा हो सकती है। इसका फैसला शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया।
केंद्र सरकार ने १२ साल से कम आयु की बच्चियों को यौन हिंसा और हत्या जैसे गंभीर अपराधों से बचाने के उद्देश्य से यह फैसला किया है। मंत्रिमंडल की बैठक में लिए फैसले की जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी।
प्रसाद के मुताबिक बच्चों को यौन शोषण और यौन हिंसा से बचाने के लिए बने पॉक्सो एक्ट में सजा की अवधि को बढ़ाये जाने का फैसला किया गया है।
मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पॉक्सो अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी। इसके तहत बच्चों को सेक्सुअल हमले से बचाने के लिए कई धाराओं में बदलाव करने की बात कही गई है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों पर कड़ी सजा के प्रावधान भी किए गए हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पॉक्सो के तहत गंभीर यौन अपराधों के लिए मौत की सजा के प्रावधान को मंजूरी दी। इस फैसले के अनुसार १२ साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म (रेप) और हत्या की गंभीर घटनाओं के दोषी को मौत की सजा मिलेगी।