पैकेज में एमएसएमई के लिए बिना गारंटी ३ लाख करोड़ का कर्ज, २०० करोड़ से कम के सरकारी काम में ग्लोबल टेंडर नहीं : सीतारमण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा की गयी थी और जिसे ”आत्मनिर्भर भारत” का नाम दिया गया है, को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एमएसएमई सेक्टर के पैकेज की ब्योरेवार जानकारी दी। अगले दिनों में वे अन्य सेक्टर की जानकारी देंगी। वित्त मंत्री ने एमएसएमई यानी सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के लिए छह बड़े कदम का ऐलान आज किया। उन्होंने कहा कि पैकेज में एमएसएमई के लिए बिना गारंटी ३ लाखकरोड़ का कर्ज देगी और १५ हजार रुपये से कम सैलरी वाले कर्मचारियों का ईपीएफ अगस्त एक सरकार देगी।

उन्होंने कहा कि तीन लाख करोड़ का कर्ज एमएसएमई को बिना गारंटी चार साल के लिए दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए २०,००० करोड़ की राशि रहेगी। पहले साल मूलधन नहीं चुकाना होगा। इससे ४५ लाख एमएसएमई को लाभ मिलेगा। संकट वाले (स्ट्रेस्ड) एमएसएमई (दो लाख एमएसएमई) को लाभ होगा। जो एमएसएमई अच्छा कर रहे हैं और विस्तार करना चाहते हैं उनके लिए ”फंड आफ फंड्स” का प्रावधान किया जा रहा है। इसमें ५०,००० करोड़ की इक्विटी सरकार कर रही है। जिस एमएसएमई का टर्नओवर १०० करोड़ है वे २५ करोड़ तक कर्ज ले सकते हैं। कहा कि ४५ दिन के अंदर मध्‍यम, लघु और सूक्ष्‍म उद्योगों को सरकारी स्‍तर पर बकाया धनराशि का भुगतान करने का प्रयास किया जाएगा।

प्रेस कांफ्रेंस में हिंदी में जानकारी वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने दी। विभाग के  अधिकारी भी प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित थे। सीतारमण और अनुराग ने कि कहा प्रधानमंत्री के नाते मोदी ने कई सुधारवादी फैसले किये हैं जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि २० लाख करोड़ का पैकेज ऐतिहासिक है और बड़े बदलाव की नींव रखने वाला है। इस पैकेज में १.७ लाख करोड़ रुपये का पहला पैकेज भी शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि ये पैकेज देश के श्रमिकों, किसानों, मध्यम वर्ग, कुटीर उद्योग  और एमएसएमई सेक्टर के लिए हैं।

उन्होंने कहा कि एमएसएमई बड़ा बनने का सपना नहीं देख पाते थे। जिससे पीछे रह जाते थे। लेकिन अब क्राइटेरिया बदला गया है। इसमें कारोबार को भी जोड़ा जा रहा। है माइक्रो को २५ लाख से एक करोड़ रूपये के बीच रखा गया है। इसी तरह १०  करोड़ के निवेश और ५० करोड़ के टर्न ओवर वाले उत्पादन आधारित उद्योग को लघु उद्योग माना जाएगा। जबकि २०० करोड़ तक का टेंडर अब ग्लोबल टेंडर नहीं होगा और आत्मनिर्भर इंडिया में मेक इन इंडिया की बड़ी भूमिका होगी।

अब २०० करोड़ रूपये तक के (काम) टेंडर में विदेशी ग्लोबल टेंडर नहीं होंगे। खासकर सरकारी कामों में यह लागू होगा। इससे देशी उद्योग को लाभ मिलेगा।

कहा कि १५ हजार रुपये से कम सैलरी वाले कर्मचारियों का ईपीएफ सरकार देगी।  सरकार अगस्‍त तक यह देगी। इससे ७२.२२ लाख कर्मचारियों को लाभ होगा।  सरकार १२ फीसदी नियोक्‍ता का हिस्‍सा और १२ फीसदी कर्मचारी का हिस्‍सा देगी।

अगले तीन महीने तक एम्‍प्‍लॉयर और एम्‍प्‍लाई के लिए पीएफ में १२-१२ फीसदी के बजाय १०-१० फीसदी जमा करने का प्रावधान होगा।  सीपीएसई और स्‍टेट पीएसयू में एम्‍पलॉयर १२ फीसदी ही हिस्‍सा डालेंगे। यह नीति उनके लिए है जिन्‍हें पीएम गरीब कल्‍याण पैकेज के तहत सरकार की ओर से २४ फीसदी ईपीएफ की सहायता नहीं मिल पाएगी।

सीतारमण ने आर्थिक पैकेज प्रेस कांफ्रेंस १.० में कहा कि लॉकडाउन के बाद गरीब कल्याण योजना का ऐलान किया गया था। लॉकडाउन में राशन और अनाज का वितरण किया गया। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी राशन मुहैया करवाया गया। लोगों के खाते में पैसे पहुंचाए गए।

उन्होंने २० लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में कहा कि सभी पक्षों से बातचीत के बाद यह पैकेज तैयार हुआ है। सीतारमण ने कहा कि पैकेज में इंडस्ट्री का ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा – ”ग्रोथ में तेजी लाने के लिए यह पैकेज जरूरी था।  पीएम मोदी ने देश के सामने आत्मनिर्भर भारत का विजन पेश किया। इस पैकेज से भारत आत्म-निर्भर बनेगा। लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाना आत्मनिर्भर भारत मिशन का हिस्सा है।”