अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। यह शब्द अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के हैं जो उन्होंने बुधवार सुबह ताइवान की संसद को संबोधित करते हुए कहे। पिछली रात जब वे चीन के जबरदस्त विरोध के बावजूद ताइवान पहुंचीं तो उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन खुद पहुंचीं। अमेरिका ने उन्हें फाइटर जेट्स की सुरक्षा के साथ ताइवान भेजा, हालांकि इस दौरान चीन ने कहा कि उसके 21 लड़ाकू विमान ताइवान की रक्षा पंक्ति को भेदते हुए ताइवान के एयर डिफेंस जोन में घुस गए हैं।
पेलोसी की यात्रा को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जबरदस्त तनाव पैदा हो गया है। पिछले करीब 70 साल से चीन और ताइवान के बीच तनाव है क्योंकि चीन उसे अपना हिस्सा बताता है और ताइवान इससे इनकार करता है।
अब पेलोसी के दौरे को लेकर चीन ने जिस तरह का रुख अपनाया है और उसने अमेरिका को इस यात्रा के नतीजे ‘भुगतने’ की चेतावनी दी है, उससे दोनों देशों में तनाव पैदा हो ही गया है, ताइवान पर चीनी हमले की आशंका भी पैदा हो गयी है।
पेलोसी की यात्रा पर चीन की धमकी के बाद जिस तरह अमेरिकी युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों को अलर्ट मोड पर उससे समझा जा सकता है कि दोनों देशों के बीच कितना ज्यादा तनाव है। पेलोसी को लेकर जब यूएस एयरफोर्स का विमान ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंचा उसी समय चीन के 21 लड़ाकू विमान ताइवान की रक्षा पंक्ति भेदते हुए उसके एयर डिफेंस जोन में घुस गए। एक मौके पर लगा कि टकराव होने वाला है। उस समय बीजिंग के सरकारी मीडिया ने घोषणा की कि चीन के सुखोई-35 लड़ाकू विमान ताइवान स्ट्रेट को पार जा रहे हैं।
हालांकि, चीन की धमकियों की परवाह न करते हुए नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंचीं और राष्ट्रपति साई इंग-वेन से भेंट की। वे उन्हें रिसीव करने खुद एयरपोर्ट पहुंचीं। ताइवान की राष्ट्रपति वेन ने कहा – ‘अमेरिकी स्पीकर पेलोसी वास्तव में ताइवान के सबसे समर्पित मित्रों में से एक हैं। ताइवान के लिए अमेरिकी कांग्रेस के कट्टर समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए ताइवान की यह यात्रा करने के लिए हम आपके आभारी हैं।’
इस बीच बुधवार सुबह नैंसी पेलोसी ने ताइवान की संसद को संबोधित करते हुए कहा – ‘अमेरिका हमेशा ताइवान के साथ खड़ा रहेगा। अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। हम दोस्ती बढ़ाने और शांति का संदेश देने आए हैं। लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। ताइवान का साथ देंगे। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है।’
नैंसी ने कहा कि हम दुनिया के सबसे स्वतंत्र समाजों में से एक होने के लिए ताइवान की सराहना करते हैं। चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अमेरिकी चिप उद्योग को मजबूत करने के उद्देश्य से नया अमेरिकी कानून यूएस-ताइवान आर्थिक सहयोग के लिए अधिक अवसर प्रदान करता है।’
एशिया के देशों के दौरे पर निकलीं पेलोसी फिलहाल ताइवान में हैं और अमेरिका और चीन के बीच जबरदस्त तनाव साफ़ दिख रहा है। कुछ विशेषज्ञ आशंका जाता रहे हैं कि कहीं ताइवान चीन को यूक्रेन न बना दे जबकि अन्य का मानना है कि ताइवान पर चीनी हमले का मतलब अमेरिका और चीन के बीच सीधे टकराव का खतरा होगा जबकि यूक्रेन के मामले में ऐसा नहीं हुआ था।