कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा कि कोरोना वायरस संकट से जूझ रहे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने का सरकार का फैसला असंवेदनशील है। उन्होंने मोदी सरकार से बढ़ी कीमतों का फैसला वापस लेने की अपील भी की है।
चिट्ठी में उन्होंने लिखा कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग 9% की कमी हुई है, लेकिन सरकार इस मुश्किल समय में भी लोगों को लाभ देने की बजाय वसूली कर रही है।
बता दें कि मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार 10वीं बार बढ़ाए गए। इन10 दिनों में पेट्रोल की कीमत में 5.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, वहीं डीजल के दाम में 5.8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाए गए हैं।
सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर 2 लाख 60 हजार करोड़ रु. का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री देश के लोगों के आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं। ऐसे में लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालना उचित नहीं है।
उन्होंने सरकार से अपने संसाधनों का उपयोग करने का आग्रह किया, ताकि इस संकट में जरूरतमंद लोगों को फायदा मिल सके।
देश को अभी स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसे में सरकार ने कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील फैसला ले रही है।
कीमतें बढ़ने से लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है, जिसे कत्तई उचित करार नहीं दिया जा सकता है। सरकार की यह जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि लोगों को अब और ज़्यादा परेशानी में न डाले।
कीमतें बढ़ाने का कोई औचित्य नजर नहीं आता, जब देश में आर्थिक संकट की स्थिति हो गई हो।
संकट में मुश्किल बढ़ा रही सरकार
कोरोना संकट में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए हैं। छोटे-बड़े उद्योग बंद हो रहे हैं, लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। लोगों के सामने जीविका की समस्या पैदा हो गई है। मध्य वर्ग सबसे ज़्यादा परेशानी में है। किसानों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार ऐसा कोई भी असंवेन्दनशील फैसला नहीं करना चाहिए।