कोरोना वायरस के कहर के बीच अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर आ चुके हैं। लेकिन अपने यहां ग्राहकों को इसका खास फायदा नहीं मिल रहा है। अब भी ज्यादातर शहरों में यह 75 रुपये के आसपास ही बिक रहा है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि अब इसमें कमी किए जाने पर सरकार ने अपनी झोली भरने का फैसला कर लिया है।
मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर पेट्रोल और डीजल दोनों में एक्साइज ड्यूटी 3-3 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है। यह 14 मार्च से प्रभावी भी हो गई है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर की स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी लगाई है, जबकि 1 रुपये प्रति लीटर का रोड, इंफ्रा सेस लगाया है।
एक लीटर पेट्रोल पर 23 रुपये कमा रही सरकार
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुताबिक, नई दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 19.98 रुपये की एक्साइज ड्यूटी लग रही है। अब तीन रुपये की बढ़ोत्तरी किए जाने के बाद राजधानी में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 22.98 रुपए प्रति लीटर हो गई। इसी तरह डीजल पर एक्साइज 15.83 रुपये से बढक़र 18.83 रुपये प्रति लीटर हो गई।
कोरोना वायरस और अमेरिका-रूस में एक-दूसरे से ज्यादा तेल उत्पादन की लगी होड़ के कारण कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे पेट्रोल-डीजल की लागत में अच्छी-खासी गिरावट आई है, लेकिन सरकार ने पहले की तरह ही इस बार भी कच्चे तेल में गिरावट होने का लोगों का फायदा रोकने का सिलसिला बरकरार रखा है।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि एक तरफ सरकार मंदी की बात मान नहीं रही है, दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था के नाम पर लोगों को राहत देने के बजाय उन पर बोझ लादती जा रही है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले ने कहा था कि कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का हवाला देते हुए पेट्रोल-डीजल पर आम जनता को राहत देन की मांग केंद्र सरकार से की थी। उन्होंने पेट्रोल की दर 60 रुपये प्रति लीटर से नीचे लाने की मांग की थी।