पेगासस स्पाइवेयर विवाद मामले में 40 पत्रकारों की जासूसी के आरोपों के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी नाम जुड़ गया है। बताया गया है कि जासूसी किये जाने वाले नेताओं की सूची में राहुल गांधी और उनके करीबी भी हैं। कल सरकार ने कहा था कि जो आरोप लग रहे हैं वे बेबुनियाद हैं, हालांकि, अब राहुल गांधी की जासूसी किये जाने (फोन हैक करने) की बात सार्वजनिक रूप से सामने आने के बाद राजनीतिक तूफान मच सकता है।
बता दें विश्व भर में न्यूज संगठनों के समूह ने अपनी एक रिपोर्ट में भारत में पत्रकारों, नेताओं की जासूसी करने का खुलासा करके हंगामा खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट में दावा है कि दुनिया भर में सरकारों ने पत्रकारों, राजनीतिकों के अलावा मशहूर हस्तियों की जासूसी करने के लिए इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट में भारत में इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का दावा है।
राहुल गांधी का नाम सामने आने के बाद देश में राजनीतिक रूप से तूफड़ान खड़ा हो सकता है। उनके अलावा चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का भी नाम है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, अब आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रह्लाद पटेल आदि की जासूसी करने की बात भी सामने आई है।
रिपोर्ट में पत्रकारों, राजनेताओं (मंत्रियों और विपक्ष सहित), सरकारी संस्थानों के प्रमुख (चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और अन्य ), सेना के अधिकारियों सहित कोई 300 भारतवासियों के फोन हैक करके उनकी जानकारी चुरा लेने (जासूसी करने) के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का दावा है। यह जासूसी लोकसभा चुनाव से पहले 2018 और 2019 के बीच के काल में की गयी है।
दिलचस्प यह है कि सोमवार शाम राहुल गांधी का नाम सूची में होने की बात सामने आने से पहले सुबह ही राहुल गांधी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया दी थी। गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए तंज कसते हुए कहा था – ‘हम जानते हैं कि आप क्या पढ़ रहे हैं – आपके फोन की हर एक बात जानते हैं।’ एक और ट्वीट में गांधी ने कहा – ‘साथियो, आजकल आप लोग जो पढ़ रहे हैं उसे जानकर मुझे हैरानी हो रही है।’
यह रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत में कांग्रेस के अलाव पूरा विपक्ष अब सरकार पर हमलावर हो गया है। अब नेताओं के नाम सामने के बाद यह मामला राजनीतिक रंग ले लेगा। रिपोर्ट में यह दावा होने के बावजूद कि इजरायल के सॉफ्टवेयर पेगासस स्पाइवेयर के जरिए सरकार ने पत्रकारों और नेताओं के फोन टेप कराए, सरकार ने इसे बेबुनियाद बताया है। कुछ समय पहले तक आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज भाजपा प्रवक्ता के नाते इन आरोपों को खारिज किया