सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने गुरुवार को कहा कि पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए अदालत एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने के लिए तैयार है। सर्वोच्च अदालत अगले हफ्ते इसे लेकर आदेश जारी हो सकता है। सर्वोच्च अदालत के इस फैसले को केंद्र सरकार को झटका माना जा रहा है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया है। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने खुली अदालत में कहा कि इस संबंध में अगले हफ्ते आदेश जारी हो सकता है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों ने निजी कारणों से समिति का हिस्सा बन पाने में असमर्थता जताई है, जिसके कारण आदेश जारी करने में विलम्ब हुआ।
आज प्रधान न्यायाधीश ने वरिष्ठ वकील सीयू सिंह को ओपन कोर्ट में बताया कि सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते पेगासस मामले में एक आदेश पारित करेगा। कहा कि सर्वोच्च अदालत पेगासस स्नूपगेट की जांच के लिए एक समिति के गठन को तैयार है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत पेगासस जासूसी मामले में विशेषज्ञों की एक समिति बनाने पर विचार कर रही है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कुछ तकनीकी विशेषज्ञों से न्यायालय ने तकनीकी विशेषज्ञ समिति का हिस्सा बनने का अनुरोध किया है। वह व्यक्तिगत रूप से टीम का हिस्सा होने से मना करने में कठिनाई व्यक्त कर रहे हैं इसलिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति के गठन में समय लग रहा है। ‘हम अगले सप्ताह तक तकनीकी विशेषज्ञ टीम के सदस्यों को अंतिम रूप दे पाएंगे और आदेश पारित करेंगे।’
याद रहे सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में 13 सितंबर को अपना अंतरिम आदेश सुरक्षित रख लिया था। उस समय पेगासस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापक जनहित को देखते हुए हलफनामा दायर नहीं करना चाहती। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का तर्क था कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इस मामले में डिटेल में हलफनामा के जरिये डिबेट नहीं हो सकता है। इस मामले को ज्यूडिशियल और पब्लिक डिबेट में नहीं लाया जाना चाहिए क्योंकि मामला व्यापक जनहित और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है।