पुराणी पेंशन योजना की बहाली की मांग के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के करीब २० लाख कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर चले गए। कर्मचारी राज्य की नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे हैं, जिसमें सरकार का हिस्सा १० फीसदी से बढ़ाकर १४ फीसदी करने का प्रस्ताव है।
हालांकि योगी सरकार को कर्मचारियों का यह रुख रास नहीं आया है और उसने हड़ताल को गलत बताते हुए हड़ताली पर गए कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने का फैसला किया है। बुधवार से शुरू हुई हड़ताल के बाद राज्य की राजधानी में कई सरकरी कार्यालय खाली नजर आए या बंद रहे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनों के बीच यूनियन नेता बुधवार सुबह कार्यालयों के बाहर इकठ्ठा हुए। योगी सरकार के खिलाफ शुरू हुए इस राज्यव्यापी आंदोलन में करीब १५० कर्मचारी संगठनों के शामिल होने की बात कही जा रही है।
सभी यूनियन के प्रतिनिधि समूह के संयोजक हरि किशोर तिवारी ने बताया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो हड़ताल १२ फरवरी तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आम लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए शुरुआती दिनों में स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र के कर्मचारी इन प्रदर्शनों में शामिल नहीं होंगे।