बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को ढाका के एक न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में सात साल कैद की सजा सुनाई है। यह जिया चेरिटेबल ट्रस्ट के कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला था।
गौरतलब है कि आठ साल पहले विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष के खिलाफ एंटी करप्शन कमिशन (एसीसी) की तरफ से मामला दायर किया गया था। एसीसी ने खालिदा और तीन अन्य के ऊपर जिया चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए ३१.५४ मिलियन टका (३,९७,४३५ डॉलर) के गबन का आरोप लगाया था। सोमवार को आए कोर्ट के फैसले ने जिया की उस याचिका को भी खारिज कर दिया गया जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ जारी कानूनी प्रक्रिया को रोकने की गुहार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जिअ से जुड़े मामले में निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है। खालिदा ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें निचली अदालत को उनकी गैर-मौजूदगी में भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया गया था। अटॉर्नी जनरल के ऑफिस की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की अपील बेंच, जिसे चीफ जस्टिस मोहम्मद हुसैन लीड कर रहे थे, उसने ट्रायल जारी रखने के लिए कोर्ट का रास्ता इस फैसले के साथ साफ कर दिया है। २० सितंबर को कोर्ट की ओर से फैसला किया गया था कि ढाका के सेंट्रल में जिया की गैर-मौजूदगी में ट्रायल चलाया जाएगा। करीब ७३ साल की जिया ने २७ सितंबर को हाई कोर्ट में एक रिवीजन याचिका दायर की थी और इसमें २० सितंबर वाले आदेश को चुनौती दी गई थी।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा पहले ही एक मामले में दोषी साबित हो चुकी हैं और सजा काट रही हैं। उन पर एक अनाथालय के लिए फंड के नाम करोड़ों रुपयों की उगाही का आरोप है। यह अनाथालय उनके पति जियाउर रहमान के नाम पर है। फरवरी में जिया को इस केस में सजा सुनाई गई थी।