देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों ने प्रत्यक्ष बिक्री में लम्बी छलांग भरते हुये करीब 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर वर्ष 2022-23 में 1854 करोड़ रूपये से अधिक का कारोबार किया जो न केवल गत वर्षावधि से 255 करोड़ रूपये अधिक है बल्कि ठोस भावी दिशा को भी परिलक्षित करता है। देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की अग्रणी संस्था इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने आज यहां आयोजित “द्वितीय पूर्वोत्तर प्रत्यक्ष बिक्री सम्मेलन और प्रदर्शनी“ कार्यक्रम में इसका खुलासा किया।
आईडीएसए ने बताया कि 21,282 रूपये के कुल राष्ट्रीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार में पूर्वोत्तर क्षेत्र की लगभग 8.7% की हिस्सेदारी है और यह 4.2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष विक्रेताओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करता है। इस क्षेत्र में असम 13 प्रतिशत की सालाना विकास दर के साथ 1009 करोड़ रूपये की बिक्री और 4.7% की बाजार हिस्सेदारी से देश का न केवल 9वां सबसे बड़ा प्रत्यक्ष बिक्री बाजार है बल्कि सहयोगी राज्यों में भी शीर्ष क्रम पर है और यह मुकाम उसे 2.4 लाख से अधिक प्रत्यक्ष विक्रेताओं की अथक मेहनत की बदौलत हासिल हुआ है।
आईडीएसए के अनुसार पूर्वोतर क्षेत्र के अन्य सात राज्य कुल बिक्री में लगभग 845 करोड़ का योगदान करते हैं जिनमें नागालैंड 227 करोड़, मिज़ोरम 156 करोड़, अरुणाचल प्रदेश 78 करोड़, त्रिपुरा 72 करोड़, मेघालय 19 करोड़ और सिक्किम की पांच करोड़ रूपये की हिस्सेदारी है। मिजोरम ने सर्वाधिक 31%, सिक्किम 25%, नागालैंड 22.7% और मणिपुर ने 20% की चौंकाने वाली विकास दर हासिल की है। उल्लेखनीय है कि प्रत्यक्ष विक्री उद्योग पूर्वोत्तर राज्यों के खजाने में करों के माध्यम से सालाना लगभग 300 करोड़ रूपये का भी योगदान करता है जो इस क्षेत्र के विकास में इसकी मजबूत भूमिका को दर्शाता है।
असम की उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव सुश्री अनासुआ दत्ता बरुआ ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य सरकार प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के लिए निर्धारित नियामक तंत्र के अंतर्गत अनुकूल माहौल सुनिश्चित करते हुये उपभोक्ताओं के हितों और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष बिक्री कम्पनियों की गतिविधियों पर नजर रखने तथा उपभोक्तओं की शिकायतों के निवारण हेतु राज्य सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम 2021 के प्रावधानों के अनुरूप राज्य में निगरानी कमेटी का गठन किया है जिसके सदस्यों में विषय विशेषज्ञ के तौर पर आईडीएसए भी शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक तंत्र बनाने पर काम कर रही है ताकि प्रत्यक्ष बिक्री कम्पनियां नियमों का पालन करें।
प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रिनिकी भुयान शर्मा ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में समाज और राष्ट्रीय विकास में महिलाओं के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने घरों तक ही सीमित रहने की पारम्परिक बेड़ियों से बाहर निकल कर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं और यह सिलसिला बरकरार है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र भी महिलाओं के सशक्तिकरण का माध्यम बन रहा है जहां इन्होंने अपनी उद्यमशीलता क्षमता साबित कर उपलब्धियों के माध्यम से ठोस मिसाल कायम की है। उन्होंने कार्यक्रम में सम्मानित महिलाओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने अन्य महिलाओं से भी इनसे प्रेरणा लेने की अपील करते हुये इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए आईडीएसए की सराहना की।
आईडीएसए के अध्यक्ष विवेक कटोच ने देश में प्रत्यक्ष बिक्री परिदृश्य की जानकारी देते हुये कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के लिए प्रमुख और प्राथमिकता वाले बाजारों में शामिल है। 16% की विकास दर स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग यहां नये आयाम छूने की ओर अग्रसर है जो इसके प्रत्यक्ष विक्रेताओं की अथक मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर 12% की सालाना और आठ प्रतिशत से अधिक की सीएजीआर के साथ बढ़ रहे इस उद्योग ने लगभग 86 लाख लोगों को स्वरोजगार प्रदान किया है। आईडीएसए सदस्य कम्पनियां उपभोक्ता हितों के साथ क्षेत्र के 4.2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष विक्रेताओं के हितों की सफलतापूर्वक रक्षा करने का दावा आत्मविश्वास से कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि असम समेत दस राज्यो ने केंद्र द्वारा अधिसूचित उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम 2021 का पालन करते हुये अपने यहां निगरानी समितियों का गठन कर लिया है तथा आशा करते हैं कि अन्य राज्य भी यह काम जल्द पूरा कर लेंगे।
कार्यक्रम में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के दिग्गजों और विशेषज्ञों ने उद्योग के विकास, नियामक तंत्र, उपभोक्ता जागरूकता, सुधाारों
और प्रत्यक्ष बिक्री में मौजूद अवसरों से महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण आदि महत्वपूार् विषयों पर भी विचार-मंथन किया। इस दौरान प्रत्यक्ष बिक्री में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र की 45 महिला उद्यमियों का सम्मान, पूर्वोत्तर की पारम्परिक वेशभूषा में मॉडल का उत्पादों के साथ रैंप वॉक तथा आईडीएसए की सदस्य प्रत्यक्ष बिक्री कम्पनियों की विभिन्न उत्पादों और नवाचारों को लेकर प्रदर्शनी जैसे कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र बने1
इस अवसर पर आईडीएस के सचिव रजत बनर्जी, आईडीएसए की विभिन्न सदस्य कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, न्यूट्रीशन एवं फिटनेस कोच रूचि भारद्वाज बरूआ समेत अन्य गणमान्य और बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष विक्रेता मौजूद थे।
आईडीएसए के बारे में : आईडीएसए भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के लिये एक स्वायत् और स्व-नियमन संस्था है जो उद्योग के कारोबार को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल माहौल बनाने, इसके हितों और इससे जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार के नीति निर्धारण निकायों के बीच एक माध्यम और सेतु का काम करती है। इसके अलावा यह सरकार के साथ नीतिगत मुद्दों पर मिल कर काम करने और इसमें दक्षता बढ़ाने, प्रत्यक्ष बिक्री में वांछित विश्वसनीयता, स्पष्टता और विश्वास सुनिश्चित करने के लिये एक सलाहकार और परामर्शदाता की भूमिका भी अदा करती है।