आगामी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में गत चुनावों की तरह इस बार भी बसपा पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी। बसपा का मानना है कि इस साल 2022 के एमसीडी के चुनाव में भाजपा और आप पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला कराकर बसपा चुनावी माहौल को अपने पक्ष में कर सकती है।
क्योंकि पहले भी एमसीडी के चुनावों में बसपा ने 20 से अधिक सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। बसपा की राजनीति करने वालों का कहना है कि इन दिनों कांग्रेस हासिये पर है। कांग्रेस का वोट बैंक दलित और मुस्लिम है। वहीं वोट बैंक बसपा का है।
जो आप पार्टी और भाजपा को पसंद नहीं करते है। वो जरूर बसपा को वोट कर सकते है। बसपा को लेकर डॉ रमन कुमार सुमन का कहना है कि दिल्ली की सियासत में हलचल है। लेकिन ये हलचल उत्तर प्रदेश के 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली में और भी तेज हो जायेगी।
जब कि कांग्रेस का मानना है कि भले ही मौजूदा दौर में कांग्रेस हासिये पर हो, लेकिन इतना तो जरूर है। भाजपा और आप के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। और अपने खोये हुये जनाधार को प्राप्त कर सकती है।
कांग्रेस आला कमान से लेकर स्थानीय नेता तक इस बात पर जोर दें रहे है। अगर कांग्रेस एमसीडी के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती है। तो, निश्चित तौर कांग्रेस का मैसेज पूरे देश में सकारात्मक जायेगा। जिससे कांग्रेस को लाभ मिलेगा। कांग्रेस और बसपा इस बार पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी और भाजपा और आप पार्टी में सेंध लगायेगी।
सूत्रों के माने तो कांग्रेस और बसपा उत्तर प्रदेश के चुनाव में अगर अच्छा प्रदर्शन करती है। तो निश्चित पर एमसीडी के चुनाव के रास्ते भाजपा और आप को सियासी दांव पेंच में फंसा सकती है। ताकि बसपा और कांग्रेस के अस्तित्व पर उठ रहे सवालिया निशान पर विराम लग सकें।