संसद में किसान कानूनों के मसले पर विपक्ष को बुलडोज करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने किसानों के हक़ में गुरुवार को अपने नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य के नेतृत्व में सड़कों पर आवाज बुलंद की। कांग्रेस किसानों के पक्ष में 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाले बंडल लेकर विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने जा रही थी, लेकिन कांग्रेस दफ्तर से बाहर निकलते ही उन्हें रोक दिया गया। बाद में प्रियंका गांधी को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया जबकि राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट कर किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों के हक़ में 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन उन्हें सौंपा। हिरासत में लिए गए प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस को मार्च की इजाजत नहीं दी। अब राहुल गांधी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन जाएंगे और किसानों की आवाज सुनने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की मांग वाला ज्ञापन सौंपेंगे। कांग्रेस मार्च को रोकने के लिए नई दिल्ली इलाके में सुबह ही धारा 144 लागू कर दी गई थी ताकि कांग्रेस मार्च को रोका जा सके।
राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया।
कांग्रेस के इस मार्च में पार्टी की एकता भी दिखी। कथित रूप से असंतुष्ट कहे जाने वाले नेता भी राहुल गांधी के मार्च में साथ जुटे। मार्च रोके जाने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि यह (मोदी) सरकार लोकतंत्र का मजाक रही है और किसानों की आवाज नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है और लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। प्रियंका ने कहा – ‘यह किसान ही हैं जिनके बेटे सरहदों पर डिश की हिफाजत कर रहे हैं लेकिन सरकार बेहरी बनी हुई है। बहुत मुश्किल हालत में भी अन्नदाता सड़कों पर अपने लिए हक़ मांग रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही।’
कांग्रेस नेता किसी वेणुगोपाल ने कहा – ‘केंद्र सरकार ने पहले कृषि विरोधी कानून बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं। कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं।’
कांग्रेस ने कहा कि भीषण सर्दी के बीच किसान 27 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है। हरियाणा कांग्रेस प्रमुख शैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करके सारी हदें पार कर दी हैं। शैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आवाज को लगातार दबा रही है।
आज कांग्रेस कार्यलय में दो बसें मंगाई गई थीं जिनमें प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता राष्ट्रपति भवन जाने वाले थे। दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी को राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी और कांग्रेस कार्यालय के आस-पास धारा 144 लगा दी गई। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा – ‘भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।’
किसान करेंगे प्रेस कांफ्रेंस : किसान आज एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। किसान नेता दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें आंदोलन का कारण बताएंगे। किसान मोर्चा की ओर से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें। किसानों ने क़ानून वापस लेने की मांग जारी राखी है। उन्होंने कहा आंदोलन 20 राज्यों तक ले जाया जाएगा। किसानों के आंदोलन का आज 29वां दिन है। केन्द्र सरकार की तरफ से दिए गए संशोधन के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने बुधवार को खारिज कर दिया था।