विरोध प्रदर्शन और धरना कर रहे पुलिस कर्मियों के परिजनों के भी उनके साथ आ जुड़ने के बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों से धरना खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आपकी मांगों को ध्यान में रखा जाएगा और घायल कर्मियों का इलाज किया जाएगा। उन्हें कम से कम २५,००० रूपये की मदद दी जाएगी। हालांकि यह रिपोर्ट लिखे जाने तक धरने पर बैठे पुलिस कर्मियों की तरफ से कोइ फैसला अभी नहीं किया गया है। कहा गया है कि प्रदर्शनकारी पुलिस कर्मी लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि घायल वकीलों और पुलिसवालों का इलाज कराया जाए। साथ ही एलजी ने कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। दिल्ली पुलिस के घायल अधिकारियों-कर्मचारियों को उपयुक्त मुआवजा राशि देने के लिए भी कहा है। बड़े पुलिस अधिकारियों ने धरने पर बैठे एक-एक कर्मी को उठाने की कोशिश की लेकिन ज्यादातर लोग अभी धरने पर बैठे हैं।
करीब साढ़े छह बजे दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सभी मांगें स्वीकार की जाएंगी। साकेत और तीस हजारी कोर्ट के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं। जो पुलिसकर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की जाएगी और जो घायल हुए हैं उनका इलाज किया जाएगा। उन्हें कम से कम २५,००० रूपये की मदद दी जाएगी।
तीस हजारी कोर्ट परिसर में पार्किंग को लेकर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसा के बाद गुस्से से भरे हजारों पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए वकीलों पर कार्रवाई की मांग की। पुलिसकर्मियों ने कहा कि उनके साथियों की पिटाई हुई अरे केस उलटे पुलिस कर्मियों पर बना दिए गए जो शर्मनाक है।
उधर दोपहर के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली में वकीलों के साथ झड़प के बाद पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन से पैदा हुयी स्थिति की समीक्षा की।
उपराज्यपाल ने स्थिति की समीक्षा करने के बाद कहा कि पुलिस और वकीलों के बीच विश्वास बहाल करना अनिवार्य है।