जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे, के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है। यह आरोप पत्र जम्मू की एनआईए अदालत में दायर किया गया है जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर सहित 19 लोगों के नाम हैं।
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तान स्थित इस संगठन का सरगना मसूद अजहर है। आरोप पात्र में बताया गया है कि करीब 200 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल इस हमले में किया गया था जिसमें आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट शामिल था। करीब 5,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सोनिया नारंग और पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल की एक टीम ने जांच के बाद तैयार की है।
आरोप पत्र में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर, आतंकवादी संगठन के कई अन्य आतंकियों और सात गिरफ्तार आतंकियों और आरोपियों के नाम शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक चार्जशीट में हमले में पाकिस्तान की भूमिका के पुख्ता सबूत, तकनीकी, सामग्री और परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं। पाकिस्तान ने एक स्थानीय आतंकी आदिल अहमद डार का इस्तेमाल किया, जिसने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटक से लदी एक कार से टकराया था।
एनआईए की जांच में सामने आया है कि हमले में इस्तेमाल हुआ आरडीएक्स पाकिस्तान से मंगवाया गया था, जबकि अमोनियम नाइट्रेट स्थानीय स्तर पर जुटाया गया। जैश आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की थी और एनआईए के पास इसके साक्ष्य भी हैं। एनआईए ने जांच के दौरान आत्मघाती हमलावर के सभी साथियों को गिरफ्तार किया था। चार्जशीट में एक महिला सहित सभी आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के इशारे पर हमले को अंजाम देने के लिए आत्मघाती हमलावर की मदद की थी।