सीआरपीएफ पर आतंकी हमले में देश के ४२ जवानों की शहादत हो गयी है। पीएम मोदी ने देश को हिला देने वाली इस घटना के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से बैठक की है। एनआईए की टीम शुक्रवार को स्पॉट पर पहुँच रही है जबकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रीनगर जा रहे हैं। इस घटना के बाद देश भर में गुस्सा है और इतनी बड़ी सुरक्षा चूक से देशवासी हक्का-बक्का हैं।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने स्वीकार किया है कि सुरक्षा की यह बड़ी चूक है। कुछ रोज पहले ही पीएम मोदी ने कश्मीर की अपनी यात्रा में कहा था कि घाटी में आतंक की कमर तोड़ दी गयी है। आज की घटना से साफ़ जाहिर है कि यह बहुत ही सुनियोजित हमला था। इसे २००४ के बाद सबसे बड़ा हमला बताया गया है। शहीदों में ४० जावन सीआरपीएफ के और २ आरओपी (रोड ओपनिंग पार्टी) के थे।
इतनी बड़ी तादाद (करीब ३०० किलो आरडीएक्स बताया गया है) एक स्कार्पियो में वहां पहुंचा दिया गया जिससे साबित होता है सुरक्षा की कितनी बड़ी चूक हुई। यह रोड भी कुछ रोज पहले तक बंद था। अभी यह साफ़ नहीं हुआ है ना कोइ आधिकारिक ब्यान आया है कि स्कॉर्पियो किस तरफ से और कैसे सीआरपीएफ के वाहन से टकराई।
जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर अवंतीपोरा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाकर यह हमला किया। सीआरपीएफ के जिस काफिले को निशाना बनाया गया उसमें ७८ वाहन शामिल थे और इसमें
२५०० के करीब सुरक्षा जवान यात्रा कर रहे थे। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं ने इस घटना की निंदा की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस स्थगित कर वीर सैनिकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों से कहा कि सारा देश संकट की इस घड़ी में आपके साथ है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हमले पर सीआरपीएफ के डीजी से फोन पर बात की। हमले पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि इसका बदला लिया जाएगा।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया – ”बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश है।” महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये खून खराबा बंद होना चाहिए। कहा – ”सरकार मसले का हल निकाले सर्जिकल स्ट्राइक से कुछ नहीं मिला है।”
हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी की तस्वीर जारी की है। जैश के आत्मघाती आदिल अहमद डार ने हमला किया है। अभी तक की सूचना के मुताबिक आतंकियों ने हाईवे पर आईईडी लगाकर बस को उड़ा दिया फिर बस पर फायरिंग शुरू कर दी। काफिले में सीआरपीएफ के २५०० जवान थे। हमला ५४ बटालियन की बस पर हुआ और तीन बसें साथ-साथ चल रही थीं।
गाड़ी जम्मू से कश्मीर की तरफ जा रही थी।
हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। एनआईए की एक बड़ी टीम का गठन किया गया है जिसमें फरेंसिक एक्सपर्ट्स और आईजी रैंक के एक अधिकारी के साथ १२ वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं।
आतंकी हमले के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने दिल्ली में बैठक की है। हमले में घायल जवानों को श्रीनगर के सैन्य अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। सेना, सीआरपीएफ और एसओजी के जवान अवंतिपोरा और इसके आसपास के कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की है।