विश्व रैंकिंग: 4 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : तीसरा स्थान (1966)खास बात चपलता और पास देने की अपनी क्षमता के चलते जो मॉटिन्हो की तुलना स्पेन के दिग्गज शावी से होती है और यही वजह है कि उन्हें पुर्तगाली टीम की धुरी भी कहा जा रहा है. यूरो 2012 में उन्होंने अपने अच्छे प्रदर्शन से दुनिया का ध्यान खींचा था और अब सबसे बड़ा मंच उनका इंतजार कर रहा है |
कहते हैं कि मौत और टैक्स के अलावा कुछ भी निश्चित नहीं. वैसे इस सूची में जरूरत पड़ने पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के गोल को भी शामिल किया जा सकता है. 2013-14 में रियल मैड्रिड के लिए खेलते हुए उन्होंने 47 मैचों में 51 गोल ठोके हैं जो एक असाधारण उपलब्धि है. 29 वर्षीय रोनाल्डो अपनी क्षमताओं के चरम पर हैं और यही सबसे बड़ी वजह है कि पुर्तगाल के पास विश्व कप जीतने का अब तक का सबसे अच्छा मौका है. हालांकि ब्राजील तक पहुंचने का उसका सफर मुश्किल रहा. विश्व कप के लिए क्वालीफाइ करने के सफर में पाउलो बेंटो की इस टीम की राह स्वीडन ने रोक दी थी. हालांकि स्वीडन को 4-2 से पछाड़कर पुर्तगाल इस बाधा से पार पाने में कामयाब रहा. अपनी टीम के लिए चारों ही गोल रोनाल्डो ने किए.यही वजह है कि पुर्तगाल की टीम का केंद्र रोनाल्डो ही हैं. इसके अलावा ब्रूनो एल्वेस और पेपे के रूप में टीम के पास दो अच्छे डिफेंडर हैं जबकि जे पेरेरा और फाबियो कोएंट्राव पर रोनाल्डो के साथ मिलकर विपक्षी रक्षापंक्ति को भेदने का जिम्मा है. विलियम कारवाल्हो और जे माटिन्हो के रूप में पुर्तगाल के पास दो शानदार मिडफील्डर हैं. पिछले कुछ समय में लगातार अपने खेल में सुधार करने वाले माटिन्हो का रोनाल्डो के साथ कितना अच्छा तालमेल बनता है, इस पर पुर्तगाल का काफी कुछ निर्भर करेगा. पुर्तगाल के साथ हमेशा से यह समस्या रही है कि उसके पास सही मायनों में एक ऐसे खिलाड़ी की कमी रही है जिसे गोल के मामले में अकेला शिकारी कहा जा सके. लेकिन फिर यह भी है कि उसके पास क्रिस्टियानो रोनाल्डो तो हैं ही. |