अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकार के सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के बाद अब यह जानकारी सामने आई है कि मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश होने वाले वकील राजीव धवन को इस मामले से हटा दिया गया है। हालांकि इस मसले पर मुस्लिम पक्षकार बंटे हुए दिख रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक राजीव धवन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर उन्हें इस मामले में वकील के रूप में हटाने की जानकारी दी है। राजीव धवन ने लिखा है – ”मुझे ये बताया गया कि मुझे केस से हटा दिया गया है, क्योंकि मेरी तबियत ठीक नहीं है। ये बिल्कुल बकवास बात है। जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते हैं लेकिन जो वजह दी गई है वह गलत है।”
याद रहे इस मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए सोमवार को एक मुस्लिम पक्षकार ने याचिका दायर की। इस प्रकरण के मूल वादकारों में शामिल एम सिद्दीक के कानूनी वारिस और उप्र जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहाद रशीदी ने याचिका में कहा है कि बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का निर्देश देने पर ही पूरा न्याय हो सकता है।
इधर धवन ने कहा कि ”बाबरी केस के वकील (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) एजाज मकबूल ने मुझे बर्खास्त कर दिया है जो जमीयत का मुकदमा देख रहे हैं। बिना किसी डिमोर के मुझे बर्खास्तगी का पत्र भेजा गया है। मुझे बताया गया है कि मदनी ने मेरी बर्खास्तगी के बारे में कहा है। मेरी तबीयत का हवाला देते हुए मुझे हटाया गया है जो कि बिल्कुल बकवास बात है”।
गौरतलब है कि राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पार्टियों का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि अब वे इस मामले में शामिल नहीं होंगे।