प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 5G सेवाओं की शुरुआत की। यह सुविधा फिलहाल देश के चुनिंदा शहरों में उपलब्ध होगी। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि इस सेवा के साथ भारत एक नए युग में प्रवेश कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक साल 2030 तक इस सेवा के उत्तरोत्तर पूरे देश को कवर करने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान में एक प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। भारतीय मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के छठे संस्करण का उद्घाटन करने के बाद पीएम ने कहा कि हाल के सालों में भारत ने संचार क्षेत्र में बहुत तरक्की की है।
इससे पहले रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने जल्द ही लॉन्च होने वाली 5जी सेवाओं के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। देश में 5G सेवाओं की लॉन्चिंग के साथ देश टेक्नोलॉजी के एक नए युग में प्रवेश कर गया है। यह लॉन्चिंग भारतीय मोबाइल सम्मेलन के छठे संस्करण में हुई जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
बता दें यह सम्मेलन प्रमुख विचारकों, उद्यमियों, इनोवेटर्स और सरकारी अधिकारियों को एक साथ लाते हुए डिजिटल टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाने, इसके प्रसार से होने वाले अद्वितीय अवसरों पर विचार-विमर्श करने और विभिन्न प्रस्तुतियों के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा।
भारत पर 5जी का कुल आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 अरब अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है। बता दें 4जी की तुलना में 5G नेटवर्क कई गुना तेज गति देता है और बाधा रहित संपर्क मुहैया कराता है। साथ ही अरबों जुड़े डिवाइसों को वास्तविक समय में डेटा साझा करने में सक्षम बनाता है।
देश की अबतक की सबसे बड़ी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई थीं। इसमें उद्योगपति मुकेश अंबानी की जियो ने 87,946.93 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचे गए सभी स्पेक्ट्रम का लगभग आधा हिस्सा हासिल किया है।
भारत के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी के समूह ने 400 मेगाहर्ट्ज के लिए 211.86 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इसका इस्तेमाल हालांकि, सार्वजनिक टेलीफोन सेवाओं के लिए नहीं किया जाता है। वहीं, दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,039.63 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई, जबकि वोडाफोन-आइडिया ने 18,786.25 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा है।