उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य का गृह विभाग इसका मसौदा तैयार कर रहा है। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के कई मामलों में पीएफआई नेताओं के खिलाफ सबूत पाए गए हैं। अब तक सूबे में पीएफआई के 20 सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
राज्य की खुफिया आकलन रिपोर्ट में प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में पीएफआई की भूमिका का खुलासा किया गया है। नागरिकता कानून के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों में यूपी में ही 19 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। दर्जनों घायल हैं। सैकड़ों वाहन भी फूंके जा चुके हैं। इनमें से कई की मौत गोली लगने से हुई है। सोशल मीडिया में जारी वीडियो में भी पुलिस को गोली चलाते हुए देखा गया है, जबकि उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह कई बार कह चुके हैं कि पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई।
इससे पहले, यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा कह चुके हैं कि पीएफआई, सिमी का ही एक हिस्सा है। इस तरीके वो पहले ही इशारा कर चुके हैं कि यह कट्टरवादी संगठन है। बता दें कि पीएफआई दक्षिण के कई राज्यों में सक्रिय है और कई सामाजिक आंदोलनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता रहा है