स्थायी निवास प्रमाण पत्र (पीआरसी) का मुद्दा उत्तर पूर्व के राज्यों में बहुत तेजी से माहौल को गरमा रहा है। अरुणाचल प्रदेश में गैर-अरुणाचलवासियों को पीआरसी देने के मुद्दे पर एक सरकारी समिति के प्रस्तावों में बदलाव की मांग पर छात्र और नागरिक समाज संगठनों की ओर से बुलाए गए ४८ घंटे के बंद के दौरान यहां आम जनजीवन प्रभावित रहा और हिंसा की भी ख़बरें हैं। उपद्रव रोकने के लिए की गयी पुलिस की फाइरिंग में एक व्यक्ति की मौत की भी खबर है। राज्य में तनाव के बीच इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सूबे के ईटानगर के कई हिस्सों में हिंसा हुई है। आदिवासी संगठनों की तरफ से उपद्रव की ख़बरें हैं। हितधारतों के साथ बातचीत के बाद संयुक्त उच्च अधिकार समिति (जेएचपीसी) ने उन छह समुदायों को पीआरसी देने की सिफारिश की थी, जो अरुणाचल प्रदेश के नागरिक नहीं थे लेकिन दशकों से नमसाई और चांगलांग जिलों में रह रहे थे। बंद के बाद राज्य में तनाव के हालात हैं। सरकार ने इसे देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। एक व्यक्ति की मौत पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके शोक जताया है।
बताया गया है कि बंद के दौरान कई हिस्सों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं भी हुईं हैं। राजधानी ईटानगर में १८ छात्र संगठनों और सामाजिक संगठनों को इस बंद का समर्थन हासिल है। गैर-अरुणाचलवासियों को पीआरसी देने के मुद्दे पर एक सरकारी समिति के प्रस्ताव से कई समुदाय आधारित समूहों और छात्रों के बीच असंतोष पैदा हो गया है। उनका दावा है कि अगर राज्य सरकार इसे स्वीकार करती है तो यह स्थानीय लोगों के अधिकारों और हितों से समझौता होगा।
दो दिवसीय बंद के पहले दिन आंदोलनकारी राज्य की राजधानी में सड़कों पर उतरे और उन्होंने सरकारी वाहनों पर पथराव किया। यह भी खबर है कि एक मंत्री से जुड़े भवन में तोड़-फोड़ की गयी है। पुलिस ने २१ आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया है।