मौसम से जुड़ी प्राकृतिक आपदाओं जैसे तूफान, बिजली गिरना और शीतलहर जैसे मौसम की मार से देशभर में पिछले साल दो हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा तादाद दोनों हिंदी भाषी बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं, जहां पर 350 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं।
मौसम विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 600 से अधिक की मौत भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हुई। इनमें सबसे ज्यादा असम में 129 और इसके बाद केरल में 72, तेलंगाना में 61, बिहार में 54, महाराष्ट्र में 50, उत्तर प्रदेश में 48 और हिमाचल में 38 लोग मारे गए। बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौतें यानी 815 की मौत हुई। अकेले बिहार में 280 और उत्तर प्रदेश में 220 लोगों की जान इस प्राकृतिक आपदा से गई। वहीं झारखंड में 122 और मध्यप्रदेश में 72 लोग बिजली गिरने से झुलस कर मारे गए।
ठंड का कहर यूपी में सबसे ज्यादा
यूं तो अभी शीतलहर का दौर जारी है। मगर, पिछले साल के आंकड़ों के बात करें तो इससे 150 लोगों की मौत हुई, जिनमें सबसे ज्यादा 88 लोग यूपी के रहने वाले थे। वहीं बिहार, की बात करें तो पिछले साल यानी एक जनवरी 2020 को एक ही दिन में 45 की लोगों की जान गई थी।
2020 में 0.29 डिग्री बढ़ा तापमान
बीते वर्ष भारत का तापमन औसत से 0.29 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज हुआ। 1901 से अब तक यह आठवां सबसे गर्म साल भी रहा। सर्दियों के औसत तापमान में 0.14 डिग्री की वृद्धि हुई, यानी सर्दी जरा कम रही। बारिश भी 109 प्रतिशत हुई, यह ज्यादा बारिश का लगातार दूसरा वर्ष था। इससे पहले ऐसा 1996 और 1997 में ऐसा हो चुका है। आने वाले सालों में गर्मी का असर और ज्यादा होने से बर्फीली इलाके पिघलने लगेंगे, जिससे कई आपदाओं की आशंका से इनकार नहीं कर सकते हैं।