मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राउत को 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था और तीन महीने बाद उन्हें अब जमानत मिली हैं।
संजय राउत को दो लाख के मुचलके पर जमानत दी गर्इ है और एएसजी ने फैसले पर स्टे की मांग की हैं साथ ही उन्होंने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए कुछ समय की मांग की हैं। कोर्ट ने 21 अक्टूबर को जमानत याचिका पर दोनों ही पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने उपनगरीय गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भूमिका के लिए इस साल संजय राउत को गिरफ्तार किया था और कोर्ट की तरफ से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, फिलहाल अभी वह मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल में हैं।
आपको बता दें, पात्रा चॉल के नाम से मशहूर सिद्धार्थनगर उपनगरीय गोरेगांव में 47 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 672 किरायेदार हैं। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने वर्ष 2008 में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की एक सहयोगी कंपनी गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था। जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए लगभग 672 फ्लैट बनाने और कुछ फ्लैट म्हाडा को देने थे और शेष जमीन निजी डेवलपर को बेचने के लिए मुक्त थी।
हालांकि, ईडी के अनुसार बीते 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं दिया गया क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास नहीं किया। उसने 1034 करोड़ रूपये में यह जमीन पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स को बेच दी।