पाकिस्तान के एक कोर्ट ने लाहौर स्थित 1200 साल पुराने मंदिर पर ईसाई परिवार का कब्ज़ा ख़त्म करने का आदेश दिया है। कई साल चली कानूनी लड़ाई के बाद अब इस मंदिर का जीर्णोद्धार होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मंदिर पर एक ईसाई परिवार का कब्जा था। अब कोर्ट ने इसे खाली करने को कहा है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों की देखरेख करने वाले संघीय संस्था इवेक्यूइ ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के मुताबिक ईसाई परिवार से लाहौर के अनारकली बाजार के पास स्थित वाल्मीकि मंदिर का कब्जा वापस ले लिया गया है। ईटीपीबी पाकिस्तान में 200 गुरुद्वारों और 150 मंदिरों की देखरेख करता है।
बता दें लाहौर में कृष्ण मंदिर के वाल्मीकि मंदिर ही खुला रहता है, जहां हिन्दू पूजा-पाठ कर सकते हैं। मंदिर पर कब्ज़ा करने वाले ईसाई परिवार का दावा था कि उसने हिंदू धर्म अपना लिया है। वह पिछले दो दशक से केवल वाल्मीकि जाति के हिंदुओं को मंदिर में पूजा करने दे रहा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1992 में भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, हथियारों से लैस एक गुस्साई भीड़ ने वाल्मीकि मंदिर पर धावा बोल दिया था। मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया और इमारत में आग लगा दी गई थी। पड़ोस की दुकानों में भी आग लग गई। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के गठित एक सदस्यीय आयोग ने सरकार को सिफारिश की थी कि मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए।