भले देश की सीमाओं पर तनाव हो और पुलवामा में देश के ४० सैनिकों की आतंकवादियों के हाथों शहादत से देश की जनता में गुस्सा हो, पीएम मोदी ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर वहां के पीएम इमरान खान को बधाई सन्देश भेजा है। खुद इमरान ने इसका दावा करते हुए इस सन्देश के लिए मोदी को धन्यवाद दिया है। कांग्रेस ने हालांकि पीएमओ से इस बात की पुष्टि करने को कहा है कि क्या पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच शुभकामनाओं का आदान-प्रदान हुआ है !
इमरान खान ने ट्ववीट कर लिखा – ”भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक नेशनल डे पर पाकिस्तान की जनता को बधाई दी है। अपने इस संदेश में पीएम मोदी ने कहा है कि मैं पाकिस्तान नेशनल डे के मौके पर लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। वक्त आ गया है कि उपमहाद्वीप के लोग आतंक और हिंसा मुक्त माहौल में क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करें।”
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से इस बात की पुष्टि करने को कहा है कि क्या पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच शुभकामनाओं का आदान-प्रदान हुआ है। भारत ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।
एक ट्वीट में कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा – ”पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का दावा है कि मोदी ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर उन्हें शुभकामना भेजी है, क्या यह सही है। उन्होंने ट्विटर पर पूछा, ”मैं उम्मीद करती हूं कि भारत का पीएमओ स्पष्ट करेगा कि इमरान खान ने जो ट्वीट किया है वह उनके बीच हुए शुभकामना संदेश के आदान-प्रदान का सही वर्जन है या फिर उनके बीच शुभकामनाओं का आदान-प्रदान हुआ भी है, विशेषकर तब जब भारत में सरकार ने उनके एक कार्यक्रम का बहिष्कार किया हो. राष्ट्र यह जानना चाहेगा…”
पाक पीएम इमरान खान का बयान ऐसे समय आया है जब भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को सरकार ने सख्त संदेश दिया था। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर यहां उसके उच्चायोग में आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। उसने इस कार्यक्रम में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को भी आमंत्रित किए जाने के कारण यह फैसला किया। मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद में आयोजित ऐसे कार्यक्रमों में भी कोई भारतीय प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा।
रवीश कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत का स्पष्ट रुख है कि पाकिस्तानी उच्चायोग या पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ बातचीत के किसी भी प्रयास को हल्के में नहीं लिया जाएगा। भारत जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के साथ पाकिस्तान के बातचीत करने का तीखा विरोध करता रहा है। रवीश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा – ”इस्लामाबाद में हमारा उच्चायोग भी वहां के समारोह में शामिल नहीं होगा।” गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तानी उच्चायोग में आयोजित समारोह में कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भाग लिया था। कार्यक्रम में कश्मीर के कई अलगाववादी संगठनों के निचले क्रम के कुछ नेता भी शामिल हुए थे।
फिलहाल पीएम मोदी का ये संदेश भारत में सियासी विवाद की वजह बन गया है। कांग्रेस और विपक्ष ने इस बावत पीएम नरेंद्र मोदी पर सवालों की बौछार कर दी है। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या सचमुच में पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कोई संदेश भेजा है? क्या इमरान खान जिस संदेश को रिसीव करने का दावा कर रहे हैं वही संदेश पीएम मोदी ने उन्हें भेजा है? इन सवालों पर पीएमओ को जवाब देना चाहिए।