भारत की वायुसेना के अधिकारियों की तरफ से एक प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान के भारतीय सीमा में घुस आने और इस दौरान उसकी तरफ से एफ १६ फाइटर इस्तेमाल करने के सुबूत दिखाने के बाद उसे यह विमान देने वाले अमेरिका ने पाकिस्तान से इस बाबत जवाबतलबी की है। पाकिस्तान से अमेरिका कि उसने बिना उसकी इजाजत के कैसे एफ १६ का इस्तेमाल एक सैन्य कार्रवाई में किया जबकि यह समझौते की खिलाफबरजी है।
उस रोज पाकिस्तान के इस लड़ाकू विमान एफ-१६ को भारतीय वायुसेना ने मार गिराया था। अमेरिका ने अब सख्ती दिखाते हुए पाकिस्तान से सवाल किया है कि कैसे उसने उसकी अनुमति के बगैर एफ-१६ का इस्तेमाल सैन्य कार्रवाई में किया। सुना है अमेरिका ने इस मसले पर जांच शुरू की है। अमेरिका ने ही अस्सी के दशक में पाकिस्तान को एफ-१६ लड़ाकू विमान दिए थे।
अमेरिका पर यह देख रहा है कि क्या पाक ने इन विमानों का इस्तेमाल हाल की अपनी कार्रवाई में किया था? अमेरिका यह भी जांच कर रहा है कि कहीं पाकिस्तान ने उसके दिए लड़ाकू विमान के अलावा मिसाइलों का इस्तेमाल तो नहीं किया?
अमेरिका का कहना है कि उसने यह लड़ाकू विमान पाकिस्तान को अपने बचाव के लिए दिए थे न कि सैन्य कार्रवाई के लिए। अमेरिक के नियमों के मुताबिक पाकिस्तान एफ-१६ लड़ाकू विमान का इस्तेमाल आत्मरक्षा के लिए ही कर सकता है, किसी सैन्य कार्रवाई में नहीं।
गौरतलब है कि भारत की वायुसेना के पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले के अगले ही दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने २७ फरवरी को भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन कर भारतीय सीमा के १० किलोमीटर भीतर घुसते हुए एफ-१६ लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया था। हालांकि भारतीय वायुसेना ने इस हमले को नाकाम करते हुए एक पाकिस्तान विमान को मार गिराया था जो बाद में भारतीय अधिकारियों की जांच में एफ-१६ लड़ाकू विमान निकला था।
वैसे पाकिस्तान इस बात से इंकार कर रहा है कि उसने इस कार्रवाई में एफ-१६ लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया है। इसके बावजूद अमेरिकी अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारियों की ओर से पेश किए गए सबूतों की जांच कर रहे हैं। जांच में इन विमानों के इस्तेमाल होने और शर्तों के उल्लंघन का मामला साबित हुआ तो अमेरिका पाक के साथ भविष्य के रक्षा सौद्दे रद्द कर सकता है।