पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से विशेष राष्ट्र (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा वापस ले लिया है। इसका फैसला सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की शुक्रवार को नई दिल्ली में पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद इसकी जानकारी मीडिया को दी। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए तमाम देशों से संपर्क किया जाएगा। भारत ने कहा है कि पुलवामा घटना में सीधे पाकिस्तान का हाथ है। उधर गृह मंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर रवाना हो गए हैं। एनआईए की टीम भी पुलवामा जा रही है।
बैठक में दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। पाकिस्तान से विशेष देश का दर्जा ख़त्म करने की अधिसूचना वाणिज्य मंत्रालय आज ही करेगा। जेटली ने बताया कि बैठक में तममम पहलुओं पर चर्चा की गयी। बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख, जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और अन्य उच्च अधिकारी शामिल रहे।
इस बीच सीआरपीएफ ने पुलवामा हमले के शहीदों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है जिसके मुताबिक ३७ जवान शहीद हुए हैं। घटना में घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें कुछ की हालत गंभीर है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हुए इस हमले में ३७ जवान शहीद हो गए हैं, जबकि कई जवान अभी भी घायल हैं। इस हमले के बाद शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई। इसमें उपरोक्त अहम फैसला लिया गया है। इसके अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी आज श्रीनगर दौरे पर जाएंगे।
उधर, इस हमले की कवरेज को लेकर मोदी सरकार ने निजी टीवी चैनलों को आगाह किया है। सरकार की तरफ से सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में सभी टीवी चैनलों से ऐसी सामग्री पेश करने के प्रति आगाह किया है जिससे हिंसा भड़क सकती हो अथवा देश विरोधी रुख को बढ़ावा मिलता हो।
मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा गया, ‘‘हालिया आतंकवादी हमले को देखते हुए टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी किसी भी ऐसी सामग्री के प्रति सावधान रहें जो हिंसा को भड़का अथवा बढ़ावा दे सकती हैं अथवा जो कानून व्यवस्था को बनाने रखने के खिलाफ जाती हो या देश विरोधी रुख को बढ़ावा देती हो और/अथवा देश की अखंडता को प्रभावित करती हो। ”मंत्रालय ने कहा कि सभी निजी चैनलों को इसका कड़ाई से पालन करने का अनुरोध किया जाता है।