पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में दिख रही है। सरकार में साझीदार उनकी पार्टी की प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम) ने पीटीआई को टाटा कहते हुए विपक्षी बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ जाने का ऐलान कर दिया है। इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव 3 अप्रैल को आने की संभावना है, जबकि 31 मार्च की तारीख भी इसके लिए तय हुई थी।
इस उलटफेर के बाद पकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में बहुमत का गुना-भाग पूरी तरह पलट गया है। पीपीपी के नेनृत्व वाले विपक्ष के पास अब 177 सदस्य हो गए हैं जबकि अब इमरान खान के नेतृत्व वाले सत्तापक्ष के पास फिलहाल सिर्फ 164 सदस्य हैं। बता दें पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, और बहुमत के लिए किसी भी गठबंधन को 172 सदस्यों की ज़रुरत रहेगी।
आज के घटनाक्रम से पहले इमरान खान की पीटीआई के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 179 सदस्य थे। अब, एमक्यूएम-पी के गठबंधन छोड़ने के बाद, पीटीआई के पास 164 सदस्य ही रह गए हैं। इससे पीएम इमरान खान को बड़ा झटका लगा है।, क्योंकि उसने इससे संसद के निचले सदन में बहुमत खो दिया है।
उधर पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्आज एक ट्वीट में कहा – ‘संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम एक समझौते पर पहुंच गए हैं। राबता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी इस समझौते की पुष्टि करेंगे। इसके बाद हम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ विवरण साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान।’
तीन दिन पहले इस्लामाबाद में एक इमरान खान ने अपनी ताकत दिखाने के लेकिन पाकिस्तान में अब राजनीतिक हालत बदलते दिख रह हैं। सेना भी इमरान खान से नाराज बताई जा रही है। ऐसी स्थिति में इमरान खान के लिए कुर्सी बचाना मुश्किल दिखने लगा है। इमरान ने नए घटनाक्रम के बाद कहा – ‘मेरी सरकार गिराने की साजिश रची जा रही है और इसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है।’
इमरान का यह भी आरोप है कि देश (पाकिस्तान) में कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से उनकी सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं। इमरान ने तीन दिन पहले रैली में भी कहा था कि पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी पैसे के जरिए कोशिश की जा रही है और हमारे ही लोगों को इसमें इस्तेमाल किया जा रहा है।’,