पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देश के सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं, भारत वापस आ गए हैं।
सिद्धू ने अपने बचाव में पत्रकारों से पूछा कि अगर कोई कहे कि हमारी संस्कृति एक है और ऐतिहासिक गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने की बात करे तो उन्हें क्या करना चाहिए था?
सिद्धू जो वाघा-अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान से लौटे क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान के न्यौते पर शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पडोसी मुल्क जाने वाले अकेले भारतीय थे।
शपथ ग्रहण समारोह में वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रमुख मसूद खान के बगल वाली सीट पर बैठे और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाते दिखाई दिये ।
इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पहली पंक्ति में पीओके प्रमुख के बगल में बैठने के मुद्दे पर कांग्रेस नेता ने जवाब दिया, “अगर आपको कहीं सम्मान स्वरूप अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है तो आप वहीं बैठते हो जहां आपको कहा जाता है. मैं कहीं और बैठ सकता था, लेकिन उन्होंने मुझे वहां बैठने के लिए कहा। ”
बाजवा को गले लगाने के सवाल पर सिद्धू ने कहा, “अगर कोई (पाक सेना प्रमुख) मेरे पास आता है और कहता है कि हमारी संस्कृति एक है और हम पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का मार्ग खोलेंगे तो मैं क्या कर सकता था?”