यह कैसी विडंबना है कि एक मूर्ति पर 3000 करोड़ से ज़्यादा खर्च करने वाली सरकार ने जलियांवाला बाग पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया। पैसे के न होने के कारण बाग में हर रोज़ चलने वाला 52 मिनट का ‘लाईट एंड सांउड ‘ कार्यक्रम रुका पड़ा है। इस विषय पर माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक सदस्य एमबी राजेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है। राजेश पिछले दिनों अपने परिवार के साथ बाग में आए थे, उन्हें बताया गया कि ‘लाईट एंड सांउड’ कार्यक्रम पैसे की कमी के कारण फिलहाल रोक दिया गा है। यह सब कार्य जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट करता है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। राजेश ने लिखा कि जब जलियांवाला बाग नरसंहार को 100 साल हो रहे हैं तब भी सरकार ने इसकी सुध नहीं ली । अब उसे इसके लिए धन देना चाहिए।
सरकार ने अप्रैल 2010 से ‘लाईट एंड सांउड’ कार्यक्रम शुरू किया था, लेकिन 2014 से यह बंद पड़ा है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 14 अप्रैल 2010 को तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटोनी ने किया था। इसके बारे में पंजाब के पूर्व संस्कृति मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि उन्होंने इस कार्यक्रम को फिर से शुरू करने लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय से आठ करोड़ रुपए स्वदेश दर्शन योजना के तहत मंजूर करवाए थे पर उनका क्या हुआ कुछ पता नहीं।
उधर राज्यसभा के पूर्व सदस्य वीरेंद्र कटारिया जो कि जलियांवाला बाग ट्रस्ट के सदस्य भी थे ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ट्रस्ट की एक भी बैठक नहीं हुई है और न ही एक पैसे का अनुदान मिला है। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार बनने के बाद जलियांवाला बाग के किसी भी सरकारी समारोह में हमें नहीं बुलाया गया।
ट्रस्ट के नव मनोनित सदस्यों में राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिहं बादल, पूर्व सांसद त्रिलोचन सिंह हैं। मलिक ने कहा है कि सिद्धू और कटारिया को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं। अब हम लोग आ गए हैं और सब देख लेंगे। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग जाने के लिए प्रधानमंत्री की इज़ाजत लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। इनमें से किसी ने यह यकीन नहीं दिलाया कि जलियांवाला बाग का इतिहास बताने वाला ‘लाईट एंड सांउड’ कार्यक्रम कब शुरू होगा।