महाराष्ट्र में शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनना अब लगभग तय हो गया है। इसके लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देना बाकी है जबकि सरकार में भागीदारी का काम अंतिम कर लिया गया है। यह तय है कि शिव सेना का ही मुख्यमंत्री होगा, और वह भी पूरे पांच साल। एनसीपी-कांग्रेस के उपमुख्यमंत्री होंगे और कांग्रेस का स्पीकर।
कितने-कितने मंत्री बनेंगे यह भी कमोवेश तय हो गया है। शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के १४-१४ और कांग्रेस के १२ मंत्री होंगे। संभावना है कि गृह मंत्रालय एनसीपी के हिस्से आएगा और स्पीकर होगा कांग्रेस का।
सारा कुछ अंतिम होने के बाद सभी पार्टियों के अध्यक्ष इसका अध्ययन करेंगे और हो सकता है कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम में मामूली फेरबदल हो। इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली में सोनिया गांधी से मिल सकते हैं। शपथ ग्रहण में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी आमंत्रित करने की चर्चा है। कौन आएगा, इसका फैसला कांग्रेस बाद में करेगी।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की सरकार के बाद देश की राजनीति में यह दूसरा बड़ा ऐसा प्रयोग होगा जिसमें विपरीत ध्रुवों वाली सोच के दल मिलकर सरकार गठन करेंगे। ऐसे में शिवसेना के वीर सावरकर को भारत रत्न और कांग्रेस-एनसीपी के मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण वाले मामले, यह दल कैसे निपटाते हैं, यह देखना बहुत दिलचस्प होगा।