देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड के लिए विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी गयी है। यह चुनाव 10 फरवरी से शुरू होकर मार्च 7 तक चलेंगे जबकि 10 मार्च को वोटों की गिनती की जाएगी। कोविड-19 के मामलों में जबरदस्त उछाल को देखते हुए 15 तक किसी भी तरह की नुक्कड़ सभा, चुनाव रैली पर रोक लगा दी है और सिर्फ वर्चुअल रैली ही होंगी। उसके बाद कोरोना के हालात देखकर रैली को लेकर आयोग फैसला करेगा।मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में चुनावों की तारीखों का ऐलान किया। उत्तर प्रदेश में 7 और मणिपुर में 2 चरणों में चुनाव होंगे जबकि पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक ही चरण में चुनाव करवाए जाएंगे। चुनाव 10, 14 (यूपी दूसरा चरण, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा भी) 20, 23, 27 फरवरी (मणिपुर पहला चरण) , 3 (मणिपुर दूसरा चरण भी) और 7 मार्च को होंगे।
चंद्रा ने बताया – ”उत्तर प्रदेश की 403, पंजाब की 117, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 और गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा, कोविड के मद्देनजर सुरक्षित चुनाव कराना हमारा लक्ष्य है।”
मुताबिक यूपी में 29 फीसदी मतदाता पहली बार वोट डालेंगे, पोलिंग बूथ ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाए जाएंगे, दो लाख 15 हज़ार 368 पोलिंग बूथ बनाए गए, 1620 पोलिंग स्टेशन पर सिर्फ महिला कर्मचारियों की लड़की ड्यूटी, सभी पोलिंग बूथ पर व्हीलचेयर की होगी व्यवस्था, फूलन स्टेशन में 16 फीसदी का इजाफा, उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन कर सकते हैं, सुविधा एप के जरिए ऑनलाइन नामांकन,
उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा, जबकि अन्य चार राज्यों में विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में विभिन्न तिथियों पर समाप्त हो रहा है।
यूपी में सत्ताधारी पार्टी भाजपा और पंजाब में कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और गोवा में टीएमसी के साथ ही आम आदमी पार्टी के लिए भी बहुत मायने रखते हैं। देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटें हैं।
गोवा का विधानसभा चुनाव मुख्यतौर पर भाजपा, कांग्रेस और आप, टीएमसी के बीच माना जा रहा है। उत्तराखंड में भाजपा सरकार के सामने लगातार दो मुख्यमंत्री बदलने के बाद कई चुनौतियां हैं और वहीं मणिपुर में कांग्रेस भाजपा से सत्ता छीनने की कोशिश में है।
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