राजनीति और चुनावों को अपराध से मुक्त करके कोशिशों के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में 623 में से 615 प्रत्याशियों के शपथपत्र के विश्लेषण से जाहिर होता है कि इनमें से 156 पर आपराधिक मुक़दमे हैं जिनमें से 121 पर गंभीर मामले हैं। चुनाव में उतरे 280 उमीदवार करोड़पति हैं। चुनाव में महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट कांग्रेस ने दिए हैं।
पहले चरण में 58 सीटों पर चुनाव हो रहा है। इनमें से सपा के 75 फीसदी, रालोद के 59 फीसदी, भाजपा के 51 फीसदी, कांग्रेस के 36 फीसदी और बसपा के 34 फीसदी जबकि आप के 15 फीसदी उम्मीदवार अपराधी या दागी छवि वाले हैं। चुनाव सुधार पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की यह बात सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक 20 फीसदी प्रत्याशियों पर गंभीर किस्म के आरोप हैं। पहले चरण में सपा के सबसे ज्यादा प्रत्याशी अपराधी छवि के हैं। उसने कुल 28 में से 21 ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जिस पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। पहले चरण में अपराधी छवि वाले लोगों को टिकट देने के मामले में आरएलडी दूसरे नंबर पर है जिसके 29 में से 17 प्रत्याशी दागी छवि वाले हैं।
इस मामले में भाजपा भी पीछे नहीं। उसके 57 में से 29 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले हैं। कांग्रेस के 58 में से 21 प्रत्याशियों, बसपा के 56 में से 19 प्रत्याशियों पर और आम आदमी पार्टी (आप) के 52 में से 15 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले हैं।
इस चुनाव में 58 में 53 सीटें ऐसी हैं जहां कम से कम 3 या अधिक प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे हैं। एडीआर का कहना है कि राजनीतिक दलों के टिकट वितरण से जाहिर हो जाता है कि उनकी चुनाव सुधार में कोई दिलचस्पी नहीं है।
चुनाव के प्रत्याशियों के पास संपत्ति की बात की जाए तो भाजपा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 12 करोड़, सपा उम्मीदवारों की 13 करोड़, रालोद की 8 करोड़, बसपा की 7 करोड़ और कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3 करोड़ से अधिक है। कांग्रेस के 58 में 32 और आप के 52 में 22 प्रत्याशी करोड़पति हैं।
पहले चरण में सभी दलों ने मिलाकर सिर्फ 12 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया है। इनमें महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट कांग्रेस ने 28 फीसदी, भाजपा ने 12 फीसदी, सपा, बसपा और रालोद ने 7-7 फीसदी जबकि आप ने 13 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए हैं।