लोगों के बीच इस बात की आशंका प्रबल होती जा रही है कि कोरोना के साथ ताउते तूफान जैसी विकराल समस्या कहीं भयंकर महामारी की आहट तो नहीं है। क्योंकि लगातार एक के बाद समस्या लोगों को मुसीबत में डाल रही है। इन्ही समस्याओं पर तहलका संवाददाता को लोगों ने बताया कि कोरोना एक महामारी ने जिस प्रकार सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक ताना-माना को तहस – नहस कर दिया है। उसी प्रकार ताउते तूफान का कहर लोगों के बीच एक घबराहट पैदा कर रहा है। देश में जहां-तहां हो रही वर्षा से लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
78 वर्षीय सेठ मथुरा दास ने बताया कि उनके जीवन काल में इस तरह की एक साथ मुसीबतें देश ने नहीं देखी है। क्योंकि पहले भी प्लेग जैसी महामारी आयी है। लेकिन सालों-साल तक नहीं रही है। अब जो कोरोना आया है उसको लेकर अभी तक चिकित्सा जगत ये ही स्पष्ट नहीं कर पाया है। कि कोरोना कब तक है और कब जायेगा। वैक्सीन लगवाओं और ये दवा और वो दवा में अटका है। उनका कहना है कि कोरोना जैसी महामारी को काबू करने के लिये वैज्ञानिकों को काफी रिसर्च करनी होगी । क्योंकि कोरोना के बदलते स्वरूप और नये –नये स्टेन भी लोगों के बीच डरावने संदेश दे रहे है। कि कोरोना भयंकर है।चिकित्सक डाँ जे पी शर्मा का कहना है कि कोरोना और ताउते तूफान जैसी समस्या-महामारी लोगों के बीच मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है। जो मानव जीवन के लिय शुभ नहीं है।