यौन शोषण के आरोपों के साथ पिछले काफी समय से आंदोलन कर रहीं महिला पहलवान और उनके समर्थक पहलवान सोमवार को रेलवे में अपनी ड्यूटी पर लौट आये हैं। हालांकि, इन पहलवानों ने यह भी साफ़ कर दिया है कि उनका संघर्ष जारी रहेगा। पहलवानों ने ड्यूटी तब ज्वाइन की है जब आरोपी भाजपा सांसद के खिलाफ आरोपों को लेकर पुलिस की जांच लगभग अंतिम चरण में है।
ड्यूटी ज्वाइन करने वालों में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शामिल हैं। वे रेलवे में नौकरी करते हैं। ड्यूटी पर लौटने के बावजूद इन पहलवानों ने साफ़ कर दिया है कि शोषण के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
एक दिन पहले ही प्रदर्शनकारी पहलवान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। करीब 2 घंटे की मुलाकात के बाद इन पहलवानों ने ड्यूटी ज्वाइन करने का फैसला किया। बीच में मीडिया में यह ख़बरें भी आ गईं कि पहलवान अपने संघर्ष बंद कर रहे हैं।
हालांकि, पदक जीत चुकीं पहलवान साक्षी ने ट्वीट में कहा – ‘ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में न हम में से कोई पीछे हटा है और न हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर न चलाई जाये।’
याद रहे दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह, जो भारतीय रेसलिंग महासंघ हैं, के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें एक एफआईआर नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है।
यह एफआईआर पुलिस ने 28 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में दर्ज की थीं। इनमें से एक में नाबालिग पहलवान के पिता की शिकायत पर बच्चों को यौन शोषण से संरक्षण दिलाने वाला पॉक्सो अधिनियम लगाया गया था, जिसमें दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल की सजा होती है।