पश्चिम बंगाल में भाजपा को झटके लगने का क्रम जारी है। पिछले दो दिन में 2 भाजपा विधायक ममता बनर्जी की टीएमसी में शामिल हो चुके हैं जबकि एक पूर्व विधायक भी टीएमसी में आई हैं। आज भाजपा छोड़ने वाले विधायक ने दावा किया है कि भाजपा के 20 और विधायक पार्टी में आने की तैयारी कर रहे हैं। आज भाजपा विधायक विश्वजीत दास टीएमसी में चले गए।
बंगाल में भाजपा को आज लगातार दूसरे दिन झटका लगा जब उसके एक और विधायक विश्वजीत दास पार्टी को ठेंगा दिखाते हुए टीएमसी में शामिल हो गए। एक दिन पहले सोमवार को विष्णुपुर से भाजपा विधायक तन्मय घोष ने भी पार्टी छोड़ते हुए टीएमसी का दामन थाम लिया था।
विश्वजीत दास के टीएमसी में शामिल होने के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 77 से घटकर 72 हो गयी है। भाजपा के लिए आज खतरे वाली बात यह हुई कि उसे छोड़कर टीएमसी में शामिल होने वाले एमएलए विश्वजीत दास ने दावा किया कि 20 और पार्टी विधायक भाजपा छोड़ टीएमसी में आने वाले हैं।
याद रहे रविवार को पूर्व विधायक सिखा मित्रा भी फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गयी थीं। उन्होंने कहा कि पार्टी लोगों के लिए काम करती है, और समाज के कल्याण के लिए काम करने में उनकी मदद करेगी। मित्रा ने कहा कि वे टीएमसी में इसलिए आई हैं क्योंकि ममता दीदी ने उन्हें बुलाया है। ‘समाज के कल्याण के लिए कुछ बड़ा करने के लिए, हमें ऐसी पार्टी चुननी होगी जिसका उद्देश्य लोगों की सेवा करना हो। टीएमसी लोगों के कल्याण के लिए काम करती है।’
भाजपा को एक सांप्रदायिक पार्टी बताते हुए यह भी आरोप लगाया कि ‘हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है, मैं ऐसी पार्टी में नहीं जा सकती, जिसका काम लोगों को बांटना है।’ मित्रा साल 2014 से पहले टीएमसी से ही जुड़ी थीं। बाद में मतभेदों के कारण चौरंगी सीट से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
सोमवार को बिष्णुपुर के भाजपा विधायक तन्मय घोष तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। घोष से पहले मुकुल रॉय अभी टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। घोष ने भाजपा छोड़ने के बाद कहा – ‘भाजपा प्रतिशोध की राजनीति करती है। वे केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके पश्चिम बंगाल के लोगों के अधिकार छीन रहे हैं। मैं सभी राजनेताओं से जन कल्याण के लिए ममता बनर्जी का समर्थन करने का आग्रह करता हूं।’