दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को बड़ी राहत देते हुए उन्हें उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े मामले में बरी कर दिया है। याद रहे सुनंदा पुष्कर का शव 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के एक नामी होटल में संदिग्ध हालात में मिला था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में शशि थरूर को मुख्य आरोपी बनाया था।
बता दें इस मामले में थरूर फिलहाल जमानत पर चल रहे थे। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ भादंसं की धारा 498ए और 306 के तहत चार्जशीट दायर की थी। अदालत का फैसला आने के बाद थरूर ने अदालत का शुक्रिया अदा किया और कहा – ‘ये साढ़े 7 साल मेरे लिए किसी टॉर्चर से कम नहीं रहे।’ याद रहे दिल्ली की विशेष अदालत में थरूर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश पिछले महीने पांचवीं बार टल गया था।
थरूर के लिए अदालत में लड़ रहे वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने मामले में अपने मुवक्किल को आरोप मुक्त करने की मांग करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने उनके मुवक्किल के खिलाफ मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना का आरोप नहीं लगाया है। पाहवा ने यह भी तर्क दिया कि पुलिस जांच पर चार साल बिताने के बाद भी सुनंदा पुष्कर की मौत के कारण का पता नहीं लगा सकी। पाहवा ने कहा कि कांग्रेस नेता थरूर के खिलाफ सबूत नहीं मिले इसलिए कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों को पूरी तरह से बरी कर दिया है।
सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात चाणक्यपुरी स्थित लीला पैलेस होटल के कमरे में मृत मिली थीं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर से लंबी पूछताछ की थी और जांच के आधार पर पुलिस ने अदालत को बताया था कि पति थरूर के साथ पुष्कर के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे, इसलिए वो मानसिक रूप से परेशान थीं। थरूर के ऊपर मानसिक उत्पीड़न करने और हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। थरूर ने कई बार खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया था।
थरूर और सुनंदा का विवाह 22 अगस्त, 2010 को हुआ था। जब पुष्कर होटल में मृत मिली थीं, उस समय उनके घर की मरम्मत का काम चल रहा था। अब आज के फैसले के बाद थरूर ने राहत की सांस ली है।