कोरोना संकट और प्रदूषण के कहर का डर दिखा कर सरकार ने दीपावली पर पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगार्इ थी। जिसके कारण पटाखों का कारोबार करने वाले व्यापारियों की दीपावली फींकी हो गयी। पटाखों के कारोबार में मजदूरी करने वाले मजदूरो के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हो गया है।
पटाखा फैक्ट्री में काम करने वाले सुभाष ने तहलका संवाददाता को बताया कि, वर्ष 2020 में कोरोना के कहर के चलते लोगों के जीवन में रोजी-रोटी का संकट आया था। लेकिन इस बार सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर जो पटाखो पर रोक लगायी है। उससे गरीब मजदूरों के सामने फिर से काम धंधा का संकट आ खड़ा हो गया है।
एस के गुप्ता जो की एक पटाखा व्यापारी है उनका कहना है कि, जिस तरीके से पुलिस ने उनके सामान को जब्त किया है और जुर्माना लगाया है। उससे उनको कई परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है।
पटाखा बनाने के काम लगे व्यापारियों का कहना है कि, यदि सरकार पूरी तरह से पटाखा कारोबार पर रोक लगाना चाहती है तो लगाये। लेकिन सर्वप्रथम इस कारोबार मे कार्यरत लाखों लोगो को सरकार रोजगार मुहैया कराये ताकि इनका जीवन यापन भलीभाती चल सकें।
मौजूदा हालात इस प्रकार है कि, पटाखा व्यापारी अपने कारोबार को चालू करने से डर रहे है। कि कहीं कोई छापामारी ना हो जाये।