सिंघू बार्डर पर मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जहां लाखों किसान आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से उनकी तनातनी बनी हुई है, वहीं मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में इन्हीं कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन की तरफ जा रहे किसानों पर पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज कर दिया जिससे कई किसान, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, घायल हो गए हैं। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पुलिस की लाठियों से बचने के लिए भाग रहे किसानों को भी पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
पटना में किसान कृषि कानूनों का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ सिंघू बार्डर पर जारी आंदोलन का भी समर्थन कर रहे हैं। पटना में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और वाम दलों के आह्वान पर गांधी मैदान से राजभवन तक निकाले जा रहे किसान मार्च को डाक बंगला चौराहे पर पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। हालांकि, सैकड़ों की संख्या में मौजूद किसान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का विरोध किया और उसकी बात नहीं मानी।
किसानों और पुलिस के बीच तब गर्मागर्मी हो गयी जब कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में राजभवन जा रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया जिसमें कई किसान घायल हुए हैं।
पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान डाकबंगला चौराहे पर भगदड़ मच गई। लाठी से बचने के किसान भागने लगे लेकिन पुलिस ने जान बचाने के लिए भाग रहे किसाओं पर बर्बर लऱीके से लाठियां भांजी और उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई महिला किसान सड़कों पर गिरकर चोटिल हो गईं जिन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया है।
याद रहे मोदी सर्कार ने आंदोलनकारी किसानों को 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। हालांकि, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने मंगलवार को साफ़ कह दिया है कि पीएम मोदी किसी भी फैसले से नहीं पलटेंगे। अर्थात सरकार किसी भी सूरत में अपने कृषि बिल वापस नहीं लेगी, जो किसानों की मुख्य मांग है। दिल्ली बॉर्डर पर जुटे लाखों किसानों के आंदोलन का आज 34वां दिन है।