पचास साल पहले १९६८ में लापता हो गए भारतीय वायुसेना के एएन-12 विमान के टुकड़े और सैनिकों के अवशेष हिमाचल प्रदेश की लाहुल घाटी में मिले हैं। कुछ साल पहले भी ऐसे ही एक जहाज़ और एक सैनिक के अवशेष मिले थे।
एजेंसियों के मुताबिक सैनिक और जहाज़ के ये अवशेष और टुकड़े माउंटेनरिंग कैंपेन में जुटे आहोरकों को हादसे के 50 साल बाद मिले हैं। 1968 में चंडीगढ़ से लेह जा रहे इस एयर क्राप्ट में 102 लोग सवार थे। ये अवशेष पहली जुलाई के चंद्रभागा- 13 चोटी के ”क्लीन अप अभियान” पर गई पर्वतारोहियों की टीम को मिले हैं। इस टीम के नेता राजीव रावत ने बताया है कि उन्हें पहले विमान के कुछ हिस्से मिले। कुछ ही दूरी पर एक सैनिक का शरीर दिखा। उनका कहना है कि टीम ने इन सब की तस्वीरें ली और 16 जुलाई को सेना के ऑल्टीट्यूट वॉर स्कूल को सतर्क किया। इसके बाद इस क्षेत्र में खोज अभियान शुरू किया गया।
पचास साल पहले इस विमान के लापता होने के वक्त कई सवाल उठे थे। बताया गया था कि खराब मौसम के चलते पायलट ने लेह के पास आने के बाद वापस लौटने का फैसला किया था। लेकिन इसके बाद विमान का कोई पता नहीं चला था। इससे पहले 2003 में एबीवी इस्टीट्यूट माउंटेनरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स मनाली ने दक्षिण ढाका के ग्लेशियर में विमान के मलबे की खोज की थी और कुछ साल पहले भी ऐसा ही एक विमान और उसके टुकड़ों के अलावा एक सेंक का शव मिला था।