पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में बनी सरकार का रविवार शाम विस्तार किया गया जिसमें 15 मंत्रियों ने राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से शपथ ग्रहण की। इसमें दो महिलाओं को भी जगह दी गयी है। कैप्टन मंत्रिमंडल के मंत्रियों बलबीर सिद्धू, राणा गुरमीत सोढी, गुरप्रीत सिंह कांगड़, साधु सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा को बाहर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सहित पंजाब में अब मंत्रियों की संख्या 18 हो गयी है।
सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी ने मुख्यमंत्री चन्नी के साथ पहले ही शपथ ले ली थी। अब सरकार में चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री, सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी (दोनों उपमुख्यमंत्री) के अलावा ब्रह्म मोहिंदरा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, मनप्रीत सिंह बादल, विजय इंदर सिंगला, अरुणा चौधरी, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, रजिया सुल्ताना, भारत भूषण आशु पहले भी मंत्री रहे हैं।
मंत्रिमंडल में नए चेहरों में डॉ. राजकुमार वेरका जो अनुसूचित जाति के कद्दावर नेता हैं, संगत सिंह गिलजियां, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग जो राहुल गांधी के करीबी और युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, परगट सिंह जो हॉकी टीम के पूर्व कप्तान हैं, काका रणदीप, गुरकीरत सिंह कोटली जो पूर्व सीएम बेअंत सिंह के परिवार से हैं और राणा गुरजीत सिंह जिनका छह विधायकों ने विरोध किया को मंत्री बनाया गया है।
मंत्रिमंडल के 15 सदस्यों में सात नए मंत्री हैं। मंत्रिमंडल पर नज़र डालने से यह साफ हो जाता है कि केंद्रीय नेतृत्व ने संतुलन बनाने की सफल कोशिश की है। मंत्रिमंडल में कैप्टन अमरिंदर के विरोधियों को भी शामिल किया गया है तो उन लोगों को भी जगह दी गई है जो उनके नजदीक थे। संतुलन कायम रखने के लिहाज से ही दलितों को सरकार में शामिल किया गया है तो जाटों और ओबीसी को भी। एक मुसलमान को भी मंत्री बनाया गया है। सरकार में दो महिला मंत्री हैं।