पंजाब में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु ६० वर्ष से घटाकर ५८ साल करने को सोमवार को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। इसे दो चरणों में लागू करने का सरकार का प्रस्ताव है। वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने २८ फरवरी को साल २०२०-२१ का बजट विधानसभा में पेश करते हुए इसका प्रस्ताव किया था।
इस तरह पंजाब में सेवानिवृत्ति की उम्र ६० से घटाकर ५८ साल करने का रास्ता साफ़ हो गया है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी है। बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी गयी। चंडीगढ़ में सोमवार को पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश में लोकायुक्त बिल को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गयी है।
गौरतलब है कि २८ फरवरी को वित्तवर्ष २०२०-२१ के बजट में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सेवानिवृत्ति की उम्र ६० साल से घटाकर ५८ साल करने का प्रस्ताव किया था। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक सरकार के इस फैसले से पंजाब राज्य में करीब ५६०० कर्मचारी और अधिकारी प्रभावित होंगे, खाकर शिक्षा विभाग पर, जहां करीब १८०० शिक्षक अब पहली अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
पंजाब में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक विभागों में करीब ३.५३ लाख कर्मचारी-अधिकारी हैं। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के मुताबिक सेवानिवृत्ति की उम्र कम करने के इस फैसले को दो चरणों में लागू किया जाएगा। जो कर्मचारी ५९ साल के हो गए हैं, वो इस साल 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जो कर्मचारी ५८ साल के हो गए हैं, वो ३० सितंबर से सेवनिवृत्त होने लगेंगे। रोजगार पर पड़ने वाले असर को लेकर बादल ने कहा कि उम्र घटाने के कदम के बाद सेवानिवृत्त होने वाले लोगों की संख्या की तुलना में लगभग चार गुणा लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करा सकेंगे।