मीनाक्षी भट्टाचार्य
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले नया राजनीतिक दल बन सकता है और यह दल बना रहे हैं खुद किसान। आंदोलन के बाद किसान घर लौटने से पहले भी यही बात कह गए थे। अगर किसानों की ओर से राजनीतिक दल बनाया जाता है तो इससे पहले से स्थापित सभी राजनीतिक पार्टियों की चिंता बढ़ सकती है |
किसानों के इस कदम से अन्य दलों का चुनावी गणित बिगड़ने के संभावना प्रबल है। नाम न छापने की शर्त पर एक किसान नेता ने बताया, “कुछ राजनीतिक दल किसान संगठनों से राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए संपर्क कर रहे हैं। साथ ही बड़े स्तर पर चुनाव लड़ने को लेकर भी बात की जा रही है |”
उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख लोगों को एक साथ लाकर किसानों की पार्टी बनाने में इस बात को प्रमुखता से समझा जा रहा है कि इसमें अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और प्रोफेशनल्स को भी शामिल किया जाए ताकि पंजाब में राजनीति बदलाव लाया जाए | उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अन्य कृषि संगठनों और मजदूर संगठनों से बातचीत कर रहा है।
किसान नेता ने कहा – ”जनता पहले से ही स्थापित दलों से तंग आ चुकी है, अब बड़े बदलाव की बात पूरी संभावना दिख रही है |” किसान संगठनों और किसानों के बीच इस बात की चर्चा है कि अब अपने दायरे को बढ़ाया जाए और चुनाव लड़ा जाए |
पिछले दिनों सरकार ने किसानों की इस नाराजगी को देखते हुए अपने तीनों विवादित कृषि कानून वापस ले लिए थे | इसके बाद सरकार ने किसानों की अन्य मांगों को भी मान लिया है। किसानों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है और घर लौट रहे हैं | पंजाब लौटने पर किसानों का बड़ा स्वागत किया गया था |
इस बीच इस बात की भी चर्चा है कि किसान पंजाब चुनाव से पहले राजनीतिक दल बना सकते हैं | केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी समेत अन्य जगहों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय पहले से जुटे हुए थे |