पंजाब सरकार की ओर से जून में बुलाए गए विधान सत्र को सुप्रीम कोर्ट ने वैध करार दिया है और गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित को आदेश दिया है कि वह पंजाब विधानसभा से पारित विधेयकों को तत्काल मंजूर करें जिन्हें कई महीनों से लटका कर रखा गया है।
बता दें, केस की सुनवाई करते हुए अदालत ने तमिलनाडु के राज्यपाल की भी खिंचाई करते हुए कहा कि आप लोग आग से खेल रहे हैं। ऐसा रहा तो फिर लोकतांत्रिक व्यवस्था ही खतरे में पड़ जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यपालों से कहा है कि वे निर्वाचित विधानसभा की ओर से मंजूर विधेयकों को दबा कर न बैठे। चीफ जस्टिस ने कहा कि, “यह गंभीर मामला है। निर्वाचित विधानसभा की ओर से पारित विधेयकों को मंजूर करने में आप देरी न करें। आप आग से खेल रहे है। गवर्नर ऐसा कैसे कह सकते हैं? पंजाब में जो हो रहा है, उससे हम खुश नहीं है। क्या इस तरह हम एक संसदीय लोकतंत्र बना रहे पाएंगे?”
आपको बता दें, पंजाब सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि गवर्नर जो कर रहे हैं, वह असंवैधानिक है। गवर्नर संवैधानिक दायित्व नहीं निभा रहे हैं। इसके चलते सारे प्रशासनिक काम ही अटक गए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से अदालत में पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शिक्षा और वित्तीय मामलों से जुड़े 7 विधेयकों को गवर्नर ने दबा रखा है। इन विधेयकों को जुलाई में मंजूरी के लिए भेजा गया था लेकिन अब तक अटके हुए हैं। इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है।