पंजाब में हुए पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। पार्टी ने बड़े पैमाने पर चुनाव बिना मुकाबले ही जीत लिए हैं जबकि कई जगह सर्वसम्मति भी बनी है। विपक्षी अकाली दल को नतीजों में है।
करीब १३,२७६ पंचायतों के लिए रविवार को ८० फीसद वोट पड़े थे। करीब १,८६३ सरपंच जबकि २२,२०३ पांच निर्विरोध चुने गए हैं। पंचायत चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने गांव बादल में ही हार झेलने को मजबूर हो गए जब उनकी पार्टी शिरोमणी अकाली दल (एसएडी) के प्रत्याशी उदयवीर सिंह बादल को कांग्रेस के प्रत्याशी जबरजंग सिंह ”मोखा” बराड़ ने ३७६ वोटों से हरा दिया। बादल के लिए यह हार इसलिए भी झटके वाली रही क्योंकि अकाली प्रत्याशी उदयवीर बादल के दूर के रिश्ते में पोते लगते हैं।
वैसे बादल के लिए राहत की खबर उनके ससुराल के गाँव से आई है जहाँ अकाली प्रत्याशी को जीत मिली है। बादल की ससुराल के गांव चक्क फतेह सिंह वालां में अकाली दल के उम्मीदवार को सरपंची मिली है। वहां अकाली दल के विधायक रहे दिवंगत बलवीर सिंह के बेटे अमरिंदर सिंह ने विरोधी हरमेल सागर को १५० वोटों के अंतर से हरा दिया।
कांग्रेस ने इन चुनावों में करीब ४५०० पंचायतों में बिना मुकाबले जीत हासिल की है। मालवा की कुछ पंचायतों में कांग्रेस और आप नेताओं के बीच सर्वसम्मति देखने को मिली। दिवंगत कांग्रेस नेता हरचरण बराड़ के गांव सराय नागा में सरपंच पद पर सर्वसम्मति से उनके पोते करनबीर बराड़ चुने गए।
उधर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के गांव पंचकोसी में भी २५ साल बाद पंचायत सर्वसम्मति से चुनी गई। वहां ओम प्रकाश धानक सरपंच चुने गए। उन्हें जाखड़ परिवार का करीबी माना जाता है। इसके अलावा मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के गांव कांगड़, आप के मानसा से विधायक नाजर सिंह मानशाहीया के गांव मानसा खुर्द, फिरोजपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राणा गुरमीत सोढ़ी के गांव मोहन के उताड़ में सर्वसम्मति से चुनाव हुआ।
गौरतलब है कि दो महीने पहले नगर निगम और नगर पालिका चुनावों में भी कांग्रेस को बम्पर जीत मिली थी। अृमतसर, जालंधर और पटियाला नगर निगमों में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की थी। पटियाला नगर निगम की ६० में से ज्यादातर कांग्रेस ने जीती थीं। जालंधर नगर निगम की ८० में से ६७ कांग्रेस ने जीती थीं।