करीब एक साल पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा के पंचकूला में भड़के दंगों और बड़े पैमाने पर हुई आगजनी के सभी आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है। इस फैसले से विशेष जांच दाल (एसआईटी) को बड़ा झटका लगा है जिसने इस मामले की जांच और इन लोगों को आरोपित किया था। हालांकि बाबा की करीबी रही हनीप्रीत को इस मामले में कोई राहत नहीं मिली है।
गौतलब है कि ये दंगे 25 अगस्त, 2017 को हुए थे और उस दिन बड़े पैमाने पर आगजनी की गयी थी। उपद्रवियों ने एक टीवी चैनल की वैन सहित कई निजी वाहन जला दिए थे। इन दंगों में तीन दर्जन के करीब लोगों की जान चली गयी थी।
पंचकूला की सेशन जज रितु टैगोर की अदालत ने 30 जुलाई को सुनाये फैसले में 25 अगस्त के इन दंगों में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत के फैसले के मुताबिक, एसआईटी ने ज्ञानीराम, सांगा सिंह, होशियार सिंह, रवि, तरसेम और राम किशन को आरोपी बनाया था, जिनके खिलाफ एसआईटी सबूत जुटाने में अब तक असमर्थ रही। सबूतों के अभाव के कारण कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
इन आरोपियों पर दंगे भडकाना आगजनी करना और मारपीट के आरोप में आईपीसी की धारा 148, 149, 186, 188, 436 के तहत किया मामले दर्ज किय गए थे। अदालत के फैसले की जानकारी आरोपियों की वकील पूजा नागरा ने दी है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद ये दंगे भड़के थे।
गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद पंचकूला समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में व्यापक पैमाने पर हिंसा, तोडफ़ोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं थीं। हिंसा में करीब 37 लोगों की मौत हुई थी। आरोपियों के खिलाफ पुलिस के पुख्ता सबूत न जुटा पाने के कारण मामला कमजोर पड़ गया। दिलचस्प यह है कि हिंसा, आगजनी की घटनाओं के इस मामले में कोर्ट ने 53 लोगों पर देशद्रोह जैसी गंभीर धाराएं हटाने के आदेश भी दिए हैं। इससे पहले सबूतों के अभाव में ही 15 लोग बरी हो चुके हैं।
हालांकि कोर्ट के फैसले में गुरमीत राम रहीम की नजदीकी रही हनीप्रीत को लेकर कुछ नहीं कहा गया है जिससे जाहिर होता है कि उसे कोर्ट की तरफ से कोइ राहत नहीं मिली है। हनीप्रीत इस समय जेल में है।