भारत के तमाम बड़े मुद्दों को लगातार उठा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि नोटबंदी देश के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर सबसे बड़ा आक्रमण था। राहुल गांधी का यह हमला तब आया है जब सरकार के आंकड़ों से दो दिन पहले देश को पता चला है कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो चुकी है और जीडीपी विकास दर गिरकर माइनस 23 फीसदी पहुंच गयी है।
राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी के उस फैसले से सिर्फ अमीरों का फायदा हुआ। कांग्रेस ने इसके साथ ही मोदी सरकार से नोटबंदी के नतीजों को लेकर कई सवाल पूछते हुए जनता को इनका जबाव देने को कहा है।
गांधी लगातार बिगड़ती अर्थव्यवस्था से लेकर कोरोना को लेकर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
अब गिरती जीडीपी विकास दर को लेकर राहुल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। गांधी ने नोटबंदी का मुद्दा उठाते हुए कहा – ”नोटबंदी देश के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर सबसे बड़ा आक्रमण था। सरकार के इस फैसले से सिर्फ अमीरों को फायदा हुआ।”
कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर अपनी वीडियो सीरीज का दूसरा भाग जारी किया। वीडियो में राहुल ने कहा – ”मोदीजी का कैश-मुक्त भारत दरअसल मजदूर-किसान-छोटा व्यापारी मुक्त भारत है। जो पासा 8 नवंबर, 2016 को फेंका गया था, उसका भयानक नतीजा 31 अगस्त, 2020 को सामने आया। जीडीपी में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को भी तोड़ दिया।”
राहुल गांधी ने वीडियो में कहा – ”नोटबंदी के दौरान पूरे देश की जनता बैंकों के सामने खड़ी होकर अपने पैसे को बैंक में जमा करवा रही थी, लेकिन भाजपा का कालाधन मिटाने का दावा भी झूठ निकला था। नोटबंदी के समय पूरा हिंदुस्तान बैंक के सामने जाकर खड़ा हुआ, आपने अपना पैसा अपनी आमदनी बैंक के अंदर डाली। फिर भी काला धन नहीं मिटा? गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा मिला? सरकार आज तक बताने में असमर्थ है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी का दूसरा लक्ष्य असंगठित अर्थव्यवस्था के सिस्टम से कैश निकलना था। उन्होंने कहा – ”प्रधानमंत्री के कैशलेस हिंदुस्तान का नुकसान किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस वालों को हुआ, जो कैश का प्रयोग करते हैं। नोटबंदी से देश के सबसे बड़े अरबपतियों को फायदा मिला। आपका पैसा आपके घरों में से निकाल कर उसका उपयोग सरकार ने बड़े अरबपतियों का कर्जा माफ करने के लिए किया।”
याद रहे, इससे तीन दिन पहले गांधी ने अपनी वीडियो सीरीज में अर्थव्यवस्था के पहले हिस्से में मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला था।कांग्रेस नेता ने पिछले 45 साल की तुलना में वर्तमान में बेरोजगारी दर को सबसे अधिक बताया और कहा कि इनफॉर्मल सेक्टर्स में 40 करोड़ से अधिक मजदूर अत्यधिक गरीबी में फंसे हुए हैं। पिछले चार महीने में करीब दो करोड़ लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं।
राहुल गांधी का ट्वीट –
@RahulGandhi
मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है। जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया। GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए।