प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के पीएम मून जेई आज दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उत्तर प्रदेश में उद्घाटन कर रहे हैं।
यह फैक्ट्री नोएडा के सेक्टर 81 में स्थित सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की 35 एकड़ में फैली है जिसमें 70 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलने की आशा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ नोएडा अब मोबाइल बनाने वाले शहरों के नक्शे में सबसे ऊपर आ जाएगा. चीन और अमेरिका के शहर उससे काफी पीछे रह जाएंगे.
मौजूदा मोबाइल विनिर्माण इकाई 2005 में लागई गई। पिछले साल जून में दक्षिण कोरियाई कंपनी ने 4,915 करोड़ रुपये का निवेश कर नोएडा संयंत्र में विस्तार करने की घोषणा की, जिसके एक साल बाद नई फैक्ट्री अब दोगुना उत्पादन के लिए तैयार है।
भाषा के अनुसार भारत में कंपनी इस समय 6.7 करोड़ स्मार्टफोन बना रही है और नए संयंत्र के चालू हो जाने पर तकरीबन 12 करोड़ मोबाइल फोन का विनिर्माण होने की संभावना है।
नई फैक्ट्री में न सिर्फ मोबाइल बल्कि सैमसंग के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे रेफ्रिजरेटर और फ्लैट पैनल वाले टेलिविजन का उत्पादन भी दोगुना हो जाएगा और कंपनी इन सारे सेगमेंट में अग्रणी की भूमिका में बनी रहेगी। काउंटर पॉइंट रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक के अनुसार नई फैक्ट्री से सैमसंग बाजार में कम समय में उत्पाद उतारने में सक्षम होगी।
सैमसंग की नई फैक्ट्री उसके 1997 में बनाए गए प्लांट के करीब है. पिछले साल जून में कंपनी ने 4915 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया था. इसके चलते कंपनी का उत्पादन दुगुना हो जाएगा. सैमसंग वर्तमान में 6.70 करोड़ फोन भारत में बना रही है और नए प्लांट के शुरू होने पर उसकी उत्पादन क्षमता बढ़कर 12 करोड़ फोन सालाना हो जाएगी.
नए प्लांट के शुरू होने से मोबाइल के साथ ही रेफ्रिजरेटर और फ्लैट पेनल टीवी की उत्पादन क्षमता भी बढ़ जाएगी और इसके जरिए कंपनी इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर लेगी. भारत में सैमसंग के दो प्लांट नोएडा और तमिलनाडु में श्रीपेरुम्बुदुर है. इनके अलावा नोएडा में एक डिजाइन सेंटर और पांच रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर हैं. इनमें करीब 70 हजार लोग काम करते हैं. कंपनी की डेढ़ लाख के करीब रिटेल दुकानें भी हैं.
सैमसंग ने 1996 में नोएडा प्लान का निर्माण शुरू किया था और अगले साल तक यहां पर पहला टीवी बना लिया गया था. 2003 में रेफ्रिजरेटर का उत्पादन भी शुरू कर दिया. कंपनी ने 2007 में यहां पर मोबाइल बनाना शुरू किया. अगले पांच साल में कंपनी देश की नंबर वन मोबाइल कंपनी बन गई. इसके बाद नोएडा प्लांट में पहली बार ‘गैलेक्सी एस3’मॉडल बनाया गया.
कोरियाई कंपनी वर्तमान में अपना 10 प्रतिशत उत्पादन भारत में करती है और अगले तीन सालों में वह इस आंकड़े को 50 प्रतिशत पर ले जाना चाहती है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक का कहना है कि नए प्लांट से सैमसंग को मार्केट तक पहुंचने में कम समय लगेगा. साथ ही वह सार्क देशों में अपने निर्यात को भी बढ़ा सकती है.